NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 9 Gravitation गुरुत्वाकर्षण

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 अध्याय में दिए गए प्रश्न 

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प्रश्न1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम (universal law of gravitation)बताइए। 

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक : दो पिण्डों के बीच लगने वाला बल, दोनों पिण्डों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

प्रश्न2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।

उत्तर: 

 


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प्रश्न1. मुक्त पतन(free fall) से आप क्या समझते हैं? 

उत्तर: पृथ्वी के आकर्षण के कारण किसी वस्तु का मुक्त रूप से पृथ्वी तल की ओर गिरना 'मुक्त पतन' free fall   कहलाता है।

प्रश्न2. गुरुत्वीय त्वरण (acceleration due to gravity)से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: पृथ्वी के आकर्षण के कारण पृथ्वी तल की ओर गिरती  हुई किसी वस्तु का त्वरण 'गुरुत्वीय त्वरण' कहलाता है, इसे g  से प्रदर्शित करते है। पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण का 9.8 m/s² है।

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प्रश्न 1.  किसी वस्तु के द्रव्यमान(mass) तथा भार(weight) में क्या अंतर है?

उत्तर:

क्र० सं० द्रव्यमान (mass)भार(weight) 
1किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा उसका द्रव्यमान होता है। किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे यह पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है।
2किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप होता है।किसी वस्तु का भार उसके गुरुत्व की माप होता है।
3किसी वस्तु के द्रव्यमान का मान प्रत्येक स्थान पर समान रहता है। गुरुत्वीय त्वरण के कारण भार भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है। 
4इसमें केवल परिमाण होता है। इसलिए यह एक अदिश राशि है। इसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं।इसलिए यह एक सदिश राशि है।  
5इसका SI मात्रक किलोग्राम (kg) होता है।इसका SI मात्रक न्यूटन (N)होता है।

प्रश्न2. किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुना क्यों होता है?

उत्तर:  पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल 1/6 होता है। यही कारण है कि किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा होता है।

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प्रश्न1. एक पतली तथा मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?

उत्तर: एक पतली तथा मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से बैग को उठाना कठिन होता है, क्योंकि पतली डोरी के कारण  बैग का सम्पूर्ण  भार छोटे से क्षेत्रफल पर बहुत अधिक दाब उत्पन्न करने लगता है जिससे  हमें बैग को उठाने में कठिनाई होती है।

प्रश्न2. उत्प्लावकता(Buoyancy) से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: किसी तरल में डुबाने पर तरल द्वारा वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाले बल को उत्पलावन बल (Buoyant force) तथा इस क्रिया को उत्पलावकता (Buoyancy) कहा जाता है।

प्रश्न3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?

उत्तर: (i) पानी के घनत्व से कम घनत्व की वस्तुएँ पानी की सतह पर तैरती हैं।

(ii) पानी के घनत्व से अधिक घनत्व की वस्तुएँ पानी में डूब जाती हैं।

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प्रश्न1. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम्?

उत्तर: हमारा द्रव्यमान 42 kg से अधिक है। क्योंकि जब हम किसी तुला पर अपने  वजन को तोलते  हैं तब,  वायु द्वारा ऊपर की दिशा की तरफ लगने वाले उत्प्लावन बल के कारण तुला में हमारा वजन वास्तविक वजन से कुछ कम होता है।

प्रश्न2. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?

उत्तर: वायु की उत्प्लावकता के कारण तुला दोनों का ही द्रव्यमान कम मापती है। समान द्रव्यमान की रुई का आयतन, लोहे की तुलना में अधिक है। अतः रुई पर उत्प्लावकता का प्रभाव अधिक होगा  जिससे तुला रुई के बोरे का द्रव्यमान, वास्तविक द्रव्यमान से कम दर्शाती है। अतः रुई का वास्तविक द्रव्यमान, लोहे के वास्तविक द्रव्यमान से अधिक होगा। अर्थात् रुई, लोहे की तुलना में भारी होगी।

अभ्यास में दिए गए प्रश्न 

प्रश्न1. यदि दो वस्तुओं के मध्य की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार परिवर्तित होगा?

उत्तर: ∵ गुरुत्वाकर्षण बल ∝ 1 / दूरी²

अतः दो वस्तुओं के मध्य की दूरी को आधा कर देने पर गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो हो जाएगा। 

प्रश्न 2 . सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर भी एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेज़ी से क्यों नहीं गिरती ? 

उत्तर :  ∵g = GM/r²

गुरूत्वीय त्वरण मान स्थिर रहता है ,यह वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता इसलिए एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेज़ी से नहीं गिरती।दोनों समान रूप से ही गिरती हैं ।

प्रश्न 3. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6x10²⁴ kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4× 10mहै ।

उत्तर : पृथ्वी का द्रव्यमान(M)= 6 x 10²⁴ kg 

पृथ्वी की त्रिज्या(R) = 6.4x 10 m

वस्तु का द्रव्यमान(m) = 1kg

सार्वत्रिक नियतांक (G) = 6.67 × 10⁻¹¹  Nm²/kg²

∵  F= G(Mxm)/r²

F = 6.67×10⁻¹¹ x (6×10²⁴x1)/(6.4×106)² 

F= 9.8 N

अत: पृथ्वी तथा वस्तु  के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल= 9.8 N

प्रश्न 4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों ?

उत्तर : न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार, पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है, चंद्रमा भी उसी बल से पृथ्वी को आकर्षित करता है। ये बल समान तथा विपरीत होते हैं।

प्रश्न 5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?

उत्तर : चूँकि पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा के द्रव्यमान से बहुत अधिक  है इसलिए पृथ्वी में  उत्पन्न त्वरण लगभग नगण्य है। जिससे  पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति नहीं करती है । 

प्रश्न 6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल क्या होगा, यदि 

(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना कर दिया जाए?

(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी कर दी जाए ?

(ii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिये जाएँ ?

उत्तर : (i)  चूँकि F ∝ m₁m₂

अतः  एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना कर देने पर   गुरुत्वाकर्षण बल भी दो गुना  हो जाएगा। 

(ii) चूँकि F ∝ 1 / d²

अत: वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी कर देने पर गुरुत्वाकर्षण बल  एक चौथाई रह जाएगा| 

(iii)  दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर देने पर गुरुत्वाकर्षण  बल भी चार गुना हो जाएगा।

प्रश्न 7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम(universal law of gravitation)के क्या महत्व हैं?

उत्तर : गुरुत्वाकर्षण का  सार्वत्रिक नियम  निम्नलिखित परिघटनाओं की व्याख्या करता है -

(i) हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल। 

(ii) पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति ।

(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति। 

(iv) चंद्रमा तथा सूर्य के कारण समुद्र में ज्वार भाटा ।

प्रश्न 8. मुक्त पतन का त्वरण( acceleration of free fall) क्या है ?

उत्तर : जब वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर गिरती है तब कहा जाता है कि वस्तुएं मुक्त पतन में है, जिससे  वस्तु मे त्वरण उत्पन्न होता है इसे गुरुत्वीय त्वरण कहा जाता है। इसका मान 9.8m/s² होता है।

प्रश्न 9. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल(gravitational force) को हम क्या कहेंगे? 

उत्तर :  पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को उस वस्तु का भार(weight) कहते हैं ।

प्रश्न 10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत: ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।) 

उत्तर : उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योकि सोने का भार पहले की तुलना में कम होगा क्योकि ध्रुवों पर गुरुत्वीय त्वरण g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक होता है , जिस कारण ध्रुवों पर किसी वस्तु का भार अधिक होगा और विषुवत वृत्त पर कम होगा।

प्रश्न 11. एक कागज़ की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है ?

उत्तर :  कागज की शीट का क्षेत्रफल उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई  गेंद की अपेक्षा ज्यादा होता है।इस अधिक पृष्ठ क्षेत्रफल के कारण कागज की शीट अधिक वायु का अधिक प्रतिरोध अनुभव करती है।जिससे कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी गिरती है। 

प्रश्न 12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुना है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?

उत्तर : वस्तु का द्रव्यमान= 10kg

 पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार(W)=mg

                                             = 10  x 9.8     

                                            W = 98N

अत: वस्तु का पृथ्वी पर भार =98N

चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल= 

                                ⅙   x  पृथ्वी की सतह पर भार 

                                =1/6x98

                                =16.3N

अत:दिये गये वस्तु का चन्द्रमा पर भार 16.3 N 

प्रश्न 13. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा मे ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए।

(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है। 

(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय ।

उत्तर :दिया गया है -

 (i) गेंद प्रारंभिक वेग u  = 49 m/s

अधिकतम ऊँचाई पर अंतिम वेग v =0

g = -9.8m/s2            

माना कि अधिकतम ऊँचाई = h 

गति के तीसरे समीकरण से -

v² -  u² = 2gh

02 - (49)² = 2x (−9.8) x h 

2401 = 2x 9.8h

h = 2401 /2 x 9.8

h = 122.5m

अतः अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है = 122.5m

(ii) माना अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = t 

गति के पहले  समीकरण से -

v=u +gt 

0 = 49 + (-9.8) × t

49 = 9.8 × t

t = 49/9.8

 t= 5s

अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय = 5s

अतः पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय 

                                                                        = 5 + 5 = 10s 

प्रश्न 14. 19.6m ऊँची एक मिनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।

उत्तर : दिया गया है -

ऊँचाई(h) = 19.6m

प्रारंभिक वेग(u)=0

अंतिम वेग (v) = ?

गति के तीसरे समीकरण से -

v² -  u² = 2gh

v² -  (0)²   =  2 × 9.8 x 19.6  

   = (0)² + 2 × 9.8× 19.6 

v² = 19.6 x 19.6

v = √19.6x19.6

v = 19.6m/s

अत: पृथ्वी पर पहुँचने से पहले पत्थर का अंतिम वेग = 19.6m/s

प्रश्न 15. कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा मे ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10m/s² लेते हुए से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?

उत्तर : दिया गया है -

प्रारम्भिक वेग(u)= 40m/s

g = -10m/s²  

अधिकतम ऊंचाई पर अंतिम वेग(v) = 0 

गति के तीसरे समीकरण से -

v² -  u² = 2gh

0- 402  = 2x(-10)xh

h = 40 x 40 / 20 

h = 1600/ 20 

h= 80m

अधिकतम दूरी =80m 

अतः पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी = 80 + 80=160m

नेट विस्थापन = 80 - 80= 0


प्रश्न16. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए।

दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान 6X10²⁴  kg तथा सूर्य का द्रव्यमान 2X10³⁰ kg | दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 X 10¹¹m है। 

उत्तर : दिया गया है -

पृथ्वी का द्रव्यमान(M)= 6X10²⁴ kg

सूर्य का द्रव्यमान(m)= 2X10³⁰ kg

दोनों के  बीच की औसत दूरी d= 1.5 x 10¹¹m. 

G सार्वत्रिक नियतांक= 6.67×10⁻¹¹Nm²/kg² 

F = Gx(Mxm)/r²

F = 6.67×10⁻¹¹×(6×10²⁴ x2x10³⁰)/(1.5x10¹¹ )² 

F= 3.57×10²² N

अतः पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल=3.57×10²² N

प्रश्न 17. कोई पत्थर 100 m की ऊँची किसी मिनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे। 

उत्तर : दिया गया है -

 प्रथम पत्थर का प्रारंभिक वेग(u)=0

दूसरे पत्थर का प्रारंभिक वेग=25m/s

गुरुत्वीय त्वरण=10m/s²

माना कि दोनों पत्थर t समय पर जमीन से n  ऊँचाई पर मिलेंगे।

कुल दूरी=100m

तब दूसरे पत्थर द्वारा चली गई दूरी=n

प्रथम  पत्थर द्वारा तय  दूरी= (100-n) 

गति के दूसरे   समीकरण से 

 h= ut+ ½gt²

पहले  पत्थर के लिए 

100- n = 0 x t + 1/2 x 10 x t²

100-n = 5 x t²…… 1

दूसरे पत्थर के लिए

n= 25 x t + 1/2x (-10) x t²          

n= 25t-5t² …...2 

समीकरण (1) और समीकरण (2) को जोड़ने पर,

100-n + n = 25t -5t² + 5t² 

100 = 25t

t= 100/25

t= 4s

समीकरण (2)  में t का मान रखने पर 

       n = 25t-5t²

          =25(4)-5x(4)²

           = 100-80

           n= 20m

अत: दोनों पत्थर 20m ऊपर मिलेंगे।

प्रश्न 18. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए 

(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई,

(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई तथा

(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति। 

उत्तर : (a)अंतिम वेग(v)=0

समय(t)=6s

g=10m/s2 

गति के पहले  समीकरण से 

v=u+gt

0 = u +(-10) x 3  

u=30m/s 

अत: गेंद 30m/s वेग से ऊपर फेंकी गई। 

(b) प्रारम्भिक वेग(u)= 30m/s

अंतिम वेग(v) = 0 

समय(t)=3s

गति के दूसरे समीकरण से 

h = ut+1/2gt²

h = 30 ×3 + 1/2 x (-10) x (3)²

h = 90 -45

h = 45m

अतः गेंद द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊँचाई 45m 

(c) गेंद 4s पश्चात गेंद की स्थिति 

गति के दूसरे समीकरण से

h = ut+1/2gt²

h = 30x4+ 1/2x(-10) x (4)²

h =120-80 

 = 40 m 

अत: 4 सेकेंड के बाद गेंद जमीन से40m की ऊँचाई पर होगी। 

प्रश्न 19. किसी द्रव मे डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल(buoyant force) किस दिशा में कार्य करता है? 

उत्तर: किसी द्रव मे डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल हमेशा विपरीत  दिशा मे कार्य करता है। अत: बल ऊपर  की ओर कार्य करता है। 

प्रश्न 20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?

उत्तर: पानी में  डुबाने पर प्लास्टिक के गुटके पर लगने वाला उत्प्लावन बल लगता है , गुटके के भार से अधिक होता है। जिससे   गुटका पानी  की सतह पर आ जाता है।

प्रश्न 21.50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm³ है। यदि पानी का घनत्व 1g/cm³ हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा? 

उत्तर: पदार्थ का द्रव्यमान= 50g

पदार्थ का आयतन = 20cm³

पानी का घनत्व =1gc/m³

घनत्व = द्रव्यमान/ आयतन 

घनत्व = 50/20

            =2.5g/cm³

दिये गये पदार्थ का घनत्व = 2.5g / cm³

चूँकि पदार्थ  घनत्व पानी के घनत्व  1g/cm³ से अधिक है, इसलिए पानी में डूब जाएगा । 

प्रश्न 22. 500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm³ है। पैकेट 1g/cm³ घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?

उत्तर : मोहरबंद पैकेट का द्रव्यमान= 500g

मोहरबंद पैकेट का आयतन=350 cm³

पानी का घनत्व =1g/cm³

घनत्व= द्रव्यमान/ आयतन 

घनत्व = 500/350

घनत्व= 1.42g/cm³

दिये गये मोहरबंद पैकेट का घनत्व 1.42 g/cm³ है।

चूँकि दिये गये मोहरबंद पैकेट का घनत्व पानी के घनत्व=1g/ cm³ से अधिक है, इसलिए यह पानी में डूब जायेगा। 

(ii) विस्थापित पानी का आयतन =350 cm³

पानी का घनत्व =विस्थापित पानी का द्रव्यमान/ विस्थापित पानी का आयतन 

विस्थापित पानी का द्रव्यमान = 

             विस्थापित पानी का आयतन  X पानी का घनत्व

                              =  350    X     1

अतः विस्थापित पानी का द्रव्यमान=350g