NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 10 Work and Energy कार्य एवं ऊर्जा

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  अभ्यास में दिए गए प्रश्न 


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प्रश्न1. किसी वस्तु पर 7 N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा 8m है (चित्र 11.3)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन(displacement) के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?


उत्तर : दिया  गया है -

बल F  = 7 N 

विस्थापन s  = 8m

कार्य (W)= बल(F) x विस्थापन(s)

            =7 X   8 

            = 56 N 

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प्रश्न1. हम कब कहते हैं कि कार्य(work) किया गया है? 

उत्तर: जब वस्तु पर बल लगाकर  वस्तु को  बल की दिशा में विस्थापित किया जाता है , तब हम कहते हैं कि कार्य किया गया।

प्रश्न2. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन(displacement)की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।

उत्तर: माना  वस्तु पर लगाया गया बल =F 

        बल की दिशा में विस्थापन= s 

किया गया कार्य (W)= बल(F) x विस्थापन(s)

प्रश्न3. 1J कार्य(work) को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: यदि किसी वस्तु पर 1 न्यूटन का बल लगाकर वस्तु को बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित किया जाता है तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य 1 जूल के बराबर होता है। 

प्रश्न4. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?

उत्तर: दिया गया है-

बल, (F) = 140N. विस्थापन (S) = 15m. किया गया कार्य

 W = F x S 

= 140N x 15m

= 2100J

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प्रश्न1. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा(kinetic energy) क्या है?

उत्तर:  किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा (Kinetic energy)कहते हैं।

प्रश्न2. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा (kinetic energy)के लिए व्यंजक(expression) लिखों।

उत्तर: माना m द्रव्यमान की वस्तु v  वेग से गतिमान है तो-

वस्तु की गतिज ऊर्जा Ek = ½ mv²

प्रश्न3. 5m/s के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीनगुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा(kinetic energy) कितनी हो जाएगी?

उत्तर:  दिया गया है -

वस्तु का वेग, v = 5 m/s

वस्तु की गतिज ऊर्जा Ek = 25 J

वस्तु का द्रव्यमान = m 

∵ Ek  = 1/2 mv²

25 = 1 / 2 X  m  X (5)²

m = 2 × 25/25 

वस्तु का द्रव्यमान= 2 kg

यदि वेग दोगुना कर दिया जाए, v = 2 × 5= 10 m/s

Ek  = 1/2 mv²

Ek = 1 / 2  X 2 (10)²

 = 100 J

यदि वेग तीन गुना कर दिया जाए, v = 3 × 5= 15 m/s

Ek  = 1/2 mv² 

= 1/2 × 2 ×(15)²

= 225 J

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प्रश्न1. शक्ति(power) क्या है?

उत्तर: कार्य करने की समय दर को शक्ति कहते हैं।

शक्ति = कार्य/समय

 P = W/T

प्रश्न2. 1 वाट शक्ति(1 watt of power) को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: 1 वाट उस अभिकर्ता की शक्ति है को 1 सेकेंड में 1 जूल कार्य करता है।

प्रश्न3. एक लैंप 1000J विद्युत ऊर्जा 10s में व्यय करता है। इसकी शक्ति(power) कितनी है?

उत्तर: दिया गया है-

व्यय ऊर्जा W= 1000J

समय t  =  10s

P =W/t  

= 1000/10 

= 100 J/s = 100W

प्रश्न4. औसत शक्ति(average power) को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: किसी कर्ता द्वारा किसी समयांतराल में व्यय की गई कुल ऊर्जा तथा समयांतराल के अनुपात को उस कर्ता की  औसत शक्ति कहते हैं।

अभ्यास में दिए गए प्रश्न 

प्रश्न1. निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।

1.  सूमा एक तालाब में तैर रही है। 

2. एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।

3. एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।

4. एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।

5. एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है। 

6. अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।

7. एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।

उत्तर: 1. हाँ कार्य हो रहा है ,क्योंकि  सूमा बल लगा कर तालाब में आगे बढ़ रही है ।

2. नहीं कार्य नहीं हो रहा है , क्योंकि विस्थापन शून्य है ।

3. हाँ कार्य हो रहा है ,क्योंकि क्योंकि पानी कुएँ से ऊपर की ओर उठाया जा रहा है जिससे बल लगाने पर विस्थापन हुआ है।

4. नहीं कार्य नहीं हो रहा है , क्योंकि प्रकाश संश्लेषण के दौरान न तो कोई बल लग रहा है और न ही  कोई विस्थापन हो रहा है। 

5. हाँ कार्य हो रहा है, क्योंकि इंजन बल लगा कर गाड़ी को विस्थापित कर रहा है।  

6.  नहीं कार्य नहीं हो रहा है , क्योंकिन तो कोई बल लग रहा है और न ही  कोई विस्थापन हो रहा है। 

7 . हाँ कार्य हो रहा है, क्योंकि हवा पाल नाव पर बल लगाती है जिससे पाल नाव की स्थिति में विस्थापन होता है। 

प्रश्न 2. एक पिण्ड को धरती से किसी कोण पर फेंका गया है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस पृथ्वी पर आ गिरता है। पिण्ड के पथ के प्रारंभिक तथा अन्तिम बिन्दु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिण्ड पर गुरुत्व बल(force of gravity) द्वारा कितना कार्य किया गया?

उत्तर:  किसी कोण पर फेंके गये पिण्ड पर  गुरुत्व बल नीचे की ओर ऊर्ध्वाधर दिशा में कार्य कर रहा है परन्तु पिण्ड का विस्थापन क्षैतिज दिशा में है जो कि बल की दिशा के साथ 90° का कोण बनाती है। अतः गुरुत्व बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य शून्य होगा

प्रश्न 3. एक बैट्री बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।

उत्तर:  बैट्री में  रासायनिक ऊर्जा का सबसे पहले विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरण होता है। बल्ब जलने पर विद्युत ऊर्जा का प्रकाश ऊर्जा तथा ऊष्मीय ऊर्जा  में रूपान्तरण होता है।

प्रश्न 4. 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5m/s से 2m/s  में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर: दिया गया है -

द्रव्यमान = 20 kg 

प्राम्भिक वेग (u) = 5 m/s

अंतिम वेग (v) = 2 m/s

बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य = वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन 

W = ½ mv² – ½ mu²

= ½ m (v² – u²)

= ½  x 20 x (2²-5²)

= 10 × (4 – 25) 

= – 10 x 21 

= – 210J

ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता  है कि बल वस्तु की गति के विपरीत दिशा में लग रहा है।

प्रश्न5. 10 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड मेज पर A बिन्दु पर रखा है। इसे B बिन्दु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिण्ड पर गुरुत्व बल(gravitational force) द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: वस्तु पर लगा गुरुत्व बल ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर कार्य कर रहा है परन्तु पिण्ड का विस्थापन गुरुत्व बल के साथ 90° कोण पर क्षैतिज दिशा में है।अतः पिण्ड का ऊर्ध्वाधर  विस्थापन शून्य है इसलिए   गुरुत्व बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य शून्य होगा।

प्रश्न 6. मुक्त रूप(freely falling) से गिरते एक पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।

उत्तर: स्वतंत्र रूप से गिरते एक हुए पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा लगातार काम होती  जाती है। यह ऊर्जा संरक्षण नियम के विरुद्ध नहीं है क्योंकि जब पिण्ड स्वतंत्र रूप से नीचे गिरता है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा  काम होती जाती हिअ , परन्तु उसकी गतिज ऊर्जा  में वृद्धि होती जाती है । इस प्रकार  किसी भी बिन्दु पर गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग हमेशा समान रहता है। जो कि ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार ही है।

प्रश्न 7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?

उत्तर: साइकिल चलाते समय हमारे शरीर की पेशीय ऊर्जा साइकिल की गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। साइकिल की गतिज ऊर्जा घर्षण बल के विरुद्ध कार्य करने में व्यय हो जाती है।

प्रश्न 8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?

उत्तर: हाँ, चट्टान को धकेलने में हमारी पेशीय ऊर्जा का रूपांतरण होता है परंतु यह ऊर्जा धरती और चट्टान के बीच घर्षण बल के विरुद्ध कार्य करने में लग जाती है।  इन परिवर्तनों में ऊर्जा खपत होती है तथा हम थका हुआ महसूस करते हैं।

प्रश्न  9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिटें  व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?

उत्तर: पूरे महीने के दौरान कुल ऊर्जा खपत 

1 यूनिट ऊर्जा = 1kWh = 3.6 x 10⁶J 

250 यूनिट ऊर्जा = 250 x 3.6 x 10J

= 9 × 10⁸J

प्रश्न 10. 40 kg द्रव्यमान का एक पिण्ड धरती से  की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा(potential energy) कितनी है? यदि पिण्ड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिण्ड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा(kinetic energy) का परिकलन कीजिए। (g=10m/s²)

उत्तर: दिया गया है -

पिण्ड  का द्रव्यमान = 40 kg

h = 5m

g=10m/s²

5m की ऊँचाई पर वस्तु की स्थितिज ऊर्जा-

Ep = mgh 

= 40x10x5 

= 2000 J

जब पिण्ड ठीक आधे रास्ते पर होगा तब ऊँचाई -

h =  5/ 2 

    = 2.5 m

माना इसका वेग =v 

गति के तृतीय समीकरण से -

v²-u² = 2gh

v²-0² = 2 X 10 X 2.5

v²= 2 X 10 X 2.5

v²= 50 m/s

वस्तु की गजि ऊर्जा Eₖ = ½ mv²

=  ½ x 40×50 

= 1000J

प्रश्न 11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए एक उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर: पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहे उपग्रह द्वारा गुरुत्व बल के कारण किया गया कार्य शून्य होगा क्योंकि गुरुत्व बल की क्रिया-रेखा की दिशा उपग्रह की गति की दिशा के लम्बवत् है इस प्रकार, बल, विस्थापन के लंबवत् लगता है। अतः उपग्रह पर किया गया कार्य शून्य है।

प्रश्न 12. क्या किसी पिण्ड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन (displacement)हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।

उत्तर: हाँ, बल की अनुपस्थिति में वस्तु में विस्थापन हो सकता है। यदि वस्तु एकसमान गति से चल रही है। तो उस वस्तु पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता परन्तु वस्तु में विस्थापन होता है। 

प्रश्न 13. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कोई कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।

उत्तर: भूसे के गट्ठर पर व्यक्ति द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया क्योंकि गट्ठर  की स्थिति में कोई विस्थापन नहीं होता है ।

प्रश्न 14. एक विद्युत हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 w है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?

उत्तर: दिया गया है -

ऊष्मक की शक्ति (P)= 1500 w = 1.5w 

समय (t)= 10 h

W= ?

∵ P = W/ t

∴ W = P X t

        = 1.5 X 10

        = 15 kWh

प्रश्न 15. जब हम किसी सरल लोलक(pendulum) के गोलक (bob)को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम की व्याख्या कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा को क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है ?

उत्तर:

जब एक लोलक को  मध्य स्थिति से एक ओर  ले जाते हैं , तो लोलक को छोड़ते समय स्थितिज ऊर्जा अधिकतम तथा गतिज ऊर्जा न्यूनतम होती है। मध्य स्थिति में पहुंचने तक  इसकी स्थितिज ऊर्जा घटने लगती है और गतिज ऊर्जा बढ़ने लगती है।  मध्य स्थिति पर लोलक की स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है और गतिज ऊर्जा सबसे अधिक। इसी प्रकार जब लोलक मध्य स्थिति से दूसरी ओर गति करता है तो उसकी गतिज ऊर्जा कम होती जाती है तथा स्थितिज ऊर्जा बढ़ती जाती है।  इस प्रकार किसी भी स्थिति में कुल ऊर्जा हमेशा बराबर रहती है अर्थात् ऊर्जा संरक्षित रहती है। अतः हम कह सकते हैं कि जब लोलक दोलन करता है तो किसी भी स्थिति में उसकी ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।

    लोलक धीरे-धीरे विराम अवस्था में आ जाता है इसका कारण यह है कि वायु  के प्रतिरोध के कारण ऊर्जा का क्षय होता रहता है। अंततः लोलक विराम अवस्था में आ जाता है।

प्रश्न 16. m द्रव्यमान का एक पिण्ड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिण्ड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाये?

उत्तर: दिया गया है -

पिण्ड  का द्रव्यमान = m 

पिण्ड  का वेग        = v

पिण्ड  का अन्तिम वेग = 0 

वस्तु पर किया गया कार्य = वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन

= अन्तिम गतिज ऊर्जा - प्रारंभिक गतिज ऊर्जा 

= ½m(0)²– ½ mv² 

=  – ½ mv²

प्रश्न 17. 1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।

उत्तर: दिया गया है -

कार का  द्रव्यमान m = 1500kg

 वेग v    = 60 km/h = 16.67 m/s

कार को रोकने के लिए किया गया कार्य= कार की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा 

= ½ mv²

=½ x 1500 x (16.67)² 

=208.33 J


प्रश्न 18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिण्ड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है। या शून्य है।

उत्तर: 

प्रथम  स्थिति में बल विस्थापन के लंबवत् कार्य  कर रहा है ।इसलिए किया गया कार्य  शून्य है।

द्वितीय स्थिति में वस्तु का विस्थापन आरोपित बल की दिशा में  है। इसलिए  किया गया कार्य धनात्मक है।

तृतीय स्थिति में विस्थापन आरोपित बल की विपरीत दिशा में  है। इसलिए किया गया कार्य ऋणात्मक है।

प्रश्न 19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है, चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप सहमत हैं? बताइए क्यों?

उत्तर:हाँ, हम उससे सहमत हैं। चाहे वस्तु पर कई बल लगे रहें, परंतु यदि वे बल परस्पर संतुलित हैं तो वस्तु पर परिणामी बल शून्य होगा।

प्रश्न 20.  चार युक्तियाँ जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 w है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।

उत्तर: दिया गया है -

 प्रत्येक युक्ति की शक्ति P = 500W = 0.5 kW

समय t = 10h

∵ P = W/ t

∴ W = P X t

        = 0.5 X 10

        = 5 kWh

चार युक्तियों द्वारा उपयोग की गई कुल ऊर्जा= 4 X 5

                                                                = 20kWh

प्रश्न 21. मुक्त रूप से गिरता एक पिण्ड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा(kinetic energy) का क्या होता है?

उत्तर :  धरती पर टकराने पर पिण्ड  गतिज ऊर्जा का रूपातंरण, ऊष्मा, ध्वनि या अन्य रूप में हो जाता है।