NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 11 Sound ध्वनि

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 अध्याय में  दिए गए प्रश्न 

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प्रश्न1. किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?

उत्तर: जब ध्वनि के कारण माध्यम में कोई विक्षोभ उत्पन्न होता है तो यह विक्षोभ माध्यम के कणों में  कंपन उत्पन्न कर देता है  जिससे मध्यम में संपीड़न तथा विरलान उत्पन्न होता है, ये कण अपने समीपवर्ती माध्यम के अन्य कणों में उसी प्रकार की गति उत्पन्न कर देते है। माध्यम में यह क्रिया तब तक चलती है जब तक की ध्वनि  हमारे कानों तक पहुँच जाती है। 

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प्रश्न1. तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है? (a)प्रबलता(loudness)  (b)तारत्व(pitch)

उत्तर: (a) प्रबलता(loudness) : ध्वनि तरंग की प्रबलता उसके आयाम (amplitude)द्वारा निर्धारित होती  है।

(b) तारत्व(pitch) : तरंग की आवृत्ति तारत्व को निर्धारित करती है।

प्रश्न2. अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व(pitch) अधिक है।(a) गिटार (b)कार के हॉर्न

(b)गिटार का तारत्व(pitch) अधिक है।

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प्रश्न1. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य(wavelength), आवृत्ति(frequency), आवर्त काल(time period) तथा आयाम(amplitude) से क्या अभिप्राय है?

उत्तर: (i) तरंगदैर्घ्य (wavelength): दो क्रमागत संपीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरगदैर्ध्य कहलाती है। तरंगदैर्घ्य को सामान्यतः  λ(ग्रीक अक्षर लैम्डा ) से निरूपित किया जाता है। इसका SI मात्रक मीटर (m) है। 

(ii) आवृत्ति (frequency): एकांक समय में दोलनों की कुल संख्या ध्वनि तरंग की आवृति कहलाती है।आवृत्ति को  सामान्यतः ν(ग्रीक अक्षर न्यू ) से निरूपित किया जाता है। इसका SI मात्रक हर्ट्ज़ (hertz) जिसका प्रतीक Hz  है। 

(iii) आवर्त काल(time period) : एक माध्यम में एक संपूर्ण दोलन में लिया गया समय ध्वनि तरंग का आवर्त काल कहलाता है। इसे T से निरूपित किया जाता है। इसकाSI मात्रक  सेकंड (s) है।

(iv) आयाम(amplitude) : किसी माध्यम में मूल स्थिति के दोनों और अधिकतम विक्षोभ को आयाम कहते हैं।

प्रश्न2. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य(wavelength) तथा आवृत्ति(frequency) उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?

उत्तर: तरंग का वेग = आवृत्ति x तरंगदैर्ध्य

                        v = ν × λ

प्रश्न3. किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 m/s है। इस तरंग की तरंगदैर्घ्य(wavelength) की गणना कीजिए।

उत्तर: दिया गया है -

ध्वनि तरंग की आवृत्ति, ν =  220 Hz

ध्वनि तरंग का वेग, v = 440 m/s 

वेग (v) = तरंगदैर्ध्य (λ) × आवृत्ति  (ν)

तरंगदैर्ध्य (λ) = वेग (v) / आवृत्ति  (ν)

= 440 / 220 

= 2m

अतः  तरंग की तरंगदैर्ध्य(wavelength) =2m 

प्रश्न4. किसी ध्वनिस्रोत से 450 m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500 Hz की ध्वनि सुनता है| स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुँचने वाले दो क्रमागत संपीडनों (successive compressions)में कितना समय अंतराल होगा?

उत्तर: दिया गया है -

आवृत्ति = 500 Hz

दो क्रमागत संपिडनों के बीच का समयT = 1/ν 

                                                    = 1/500Hz 

                                                    = 0.002s

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प्रश्न1. ध्वनि की प्रबलता(loudness) तथा तीव्रता(intensity) में अंतर बताइए।

उत्तर: प्रबलता (loudness): प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है।

तीव्रता (intensity): किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।

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प्रश्न1. वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है?

उत्तर: ध्वनि लोहे में से सबसे तेज चलती है।

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प्रश्न1. कोई प्रतिध्वनि 3 s पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342m/s  हो तो स्त्रोत तथा परावर्तक सतह के मध्य कितनी दूरी होगी?

उत्तर: दिया  गया है - 

ध्वनि का वेग,v = 342m/s 

प्रतिध्वनि सुनने में लिया गया समय, t = 3s

ध्वनि द्वारा तय की गई दूरी = vt

= 342 x 3

= 1026m.

∵3s में ध्वनि परावर्तक सतह तथा स्रोत के बीच दोगुनी दूरी तय करती है।

∴ स्रोत से परावर्तक सतह की दूरी = 1026/2 

= 513m.

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प्रश्न1. कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार(curved) क्यों होती हैं?

उत्तर: कंसर्ट हॉल की छतें वक्रकार इसलिए होती हैं जिससे कि परावर्तन के पश्चात् ध्वनि हॉल के सभी भागों में पहुँच सके ।

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प्रश्न1. सामान्य मनुष्य के कानों के लिए ध्वनि की श्रव्यता का परिसर(audible range) क्या है?

उत्तर: सामान्य मनुष्य के कानों के लिए ध्वनि श्रव्यता का परिसर 20 Hz से 20000Hz है।

प्रश्न2. निम्न से संबंधित आवृत्तियों(frequencies) का परास क्या है?

(a) अवश्रव्य ध्वनि(Infrasound)

(b) पराध्वनि(Ultrasound)

उत्तर: (a) अवश्रव्य ध्वनि(Infrasound):20Hz से कम  आवृत्ति  की ध्वनि अवश्रव्य (Infrasound) ध्वनि कह लाती है ।

(b) पराध्वनि(Ultrasound) : 20kHz से अधिक आवृत्ति  की ध्वनि पराश्रव्य (Ultrasound) ध्वनि कह लाती है ।

अभ्यास में दिए गए प्रश्न 

प्रश्न 1. ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?

उत्तर: ध्वनि ऊर्जा का वह एक रूप है जिसके कारण हम सुन पाते हैं। ध्वनि वस्तुओं के कंपन से उत्पन्न होती है


प्रश्न 2. एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में संपीडन(compressions) तथा विरलन(rarefactions) कैसे उत्पन्न होते हैं?

उत्तर:जब कोई कंपमान वस्तु आगे की ओर कंपन करती है तो अपने सामने की वायु को धक्का देकर  संपीडित करती है इससे  उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसको ही संपीड़न (compressions) कहते हैं। और जब वस्तु पीछे की ओर कंपन करती है तो एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जिसे विरलन(rarefactions)  कहते हैं। इस तरह जब एक वस्तु कंपन करती है तो वायु में संपीडन और विरलन की एक श्रेणी बन जाती है। यही संपीडन और विरलन ध्वनि तरंग बनाते हैं ।


प्रश्न 3. ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य(longitudinal wave) क्यों है?

उत्तर: जब माध्यम के कणों का विस्थापन तरंग संचरण की दिशा के समांतर हो तो उसे अनुदैर्ध्य तरंग कहा जाता है। ध्वनि तरंगे माध्यम में संपीड़न तथा विरलन करती है तथा माध्यम (वायु) के कण आगे-पीछे तरंग के संचरण की समांतर दिशा में गति करते हैं। अतः ध्वनि तरंगों को अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं।  इसलिए ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य है।


प्रश्न 4. ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?

उत्तर: ध्वनि की गुणता(Timbre)


प्रश्न 5. तड़ित की चमक(Flash) तथा गर्जन(thunder) साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?

उत्तर: ऐसा प्रकाश की काफी उच्च चाल के कारण होता है। प्रकाश की चाल 3 X10⁸m/s है जबकि ध्वनि की चाल 344 m/s है इसलिए ध्वनि को  हमारे कानों तक पहुंचाने में समय लगता है परंतु  तड़ित की चमक हमें पहले दिखाई देती हैं।


प्रश्न 6 . किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परिसर(hearing range)20 Hz से 20 kHzहै। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 m/s

उत्तर:   दिया गया है-

आवृत्तियाँ ν₁ = 20 Hz

               ν₂ = 20 kHz

वायु में ध्वनि का वेग = 344 m/s

20 Hz की आवृत्ति की ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य (λ) = वेग (v) / आवृत्ति  (ν)

                                                                            = 344 / 20

                                                                            =17.2 m

20 kHz की आवृत्ति की ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य (λ) = वेग (v) / आवृत्ति  (ν)

                                                                           = 344/20000

                                                                           = 0.017 m

प्रश्न 7. दो बालक किसी एलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।

उत्तर: माना कि ऐलुमिनियम पाइप की लंबाई =

वायु में ध्वनि का वेग v = 344 m/s 

ऐलुमिनियम में ध्वनि का वेग v = 6420 m/s 

वायु से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिया गया समय

                                                                  t  = दूरी / चाल   

                                                               =l /344


ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारालिया गया समय

                                                                t₂   = दूरी / चाल                 

वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात= t /t

                   =(l / v ) X (v₂ / l )

                   =6420/344

                   = 18.66 

अतः t₁ : t₂ = 18.66  = 1 


प्रश्न 8 . किसी ध्वनि स्त्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?

उत्तर: दिया गया है -

 स्रोत की आवृत्ति =100Hz

∵1s में कंपन की संख्या = 100

1 मिनट या 60s में कंपनों की संख्या = 100×60 = 6000


प्रश्न 9. क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।

उत्तर: हाँ, ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका की प्रकाश की तरंगें करती हैं। 

ध्वनि के परिवर्तन के  नियम इस प्रकार है :

(i) परावर्तक तल के किसी बिंदु पर आपतित ध्वनि तरंग तथा अभिलम्ब के बीच का कोण तथा परावर्तित ध्वनि व अभिलंब के बीच का कोण आपस में बराबर होते हैं।

(ii) आपतित ध्वनि तरंग, परावर्तित ध्वनि तरंग तथा अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं।


प्रश्न 10 . ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक पृष्ठ के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी(i) जिस दिन तापमान अधिक हो? ii जिस दिन तापमान कम हो?

उत्तर: जिस दिन तापमान अधिक होगा उस दिन प्रतिध्वनि शीघ्र सुनाई देगी।


प्रश्न 11 . ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लीखिए।

उत्तर: 1 स्टेथोस्कोप 2 सोनार


प्रश्न 12 . 500 मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10m/s2 तथा ध्वनि की चाल = 340m/s)

उत्तर: दिया गया है -

मीनार की ऊँचाई h= 500 m 

पत्थर का प्रारंभिक वेग u = 0

g = 10m/s2 

मीनार की चोटी से पानी के तालाब तक पहुँचने में लगा समयt 

गति के द्वितीय समीरण से -

h = u t + 1/2  X g t2 

500 = 0 X t  + 1/2 X  10 X  t2 

t2  = (2 X  500 ) / 10 

t2  = 100       

t  = 10 s 

माना पानी से टकराने के बाद   ध्वनि को ,मीनार की चोटी तक पहुँचने में लगा समय = t₂  

∴ t₂  = दूरी (h) / चाल (v )

        = 500 / 340

        = 1.47 s 

अतः पानी से टकराने के बाद ध्वनि को मीनार की चोटी तक पहुँचने में लगा कुल समय = t₁ +  t

    =10 + 1.47

    = 11.47 s 


प्रश्न 13 . एक ध्वनि तरंग 339m/s की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्घ्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी?

उत्तर: दिया गया है -

ध्वनि तरंग का वेग, v = 339m/s 

तरंगदैर्ध्य (λ) =  1.5 cm 

आवृत्ति  (ν) = ?

आवृत्ति  (ν) = वेग (v) / तरंगदैर्ध्य (λ)

                = 339/0.015 

                = 22,600Hz

चूँकि ध्वनि तरंग की आवृत्ति 20000 Hz से अधिक है इसलिए ये श्रव्य नहीं है।


प्रश्न 14. अनुरणन(Reverberation) क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?

उत्तर: किसी बड़े हॉल में उत्पन्न होने वाली ध्वनि दीवारों से बारंबार परावर्तन के कारण काफी समय तक बनी रहती है। यह बारंबार परावर्तन, जिसके कारण ध्वनि का स्थायित्व होता है, और वह अनुरणन (Reverberation) कहलाता है।

अनुरणन कम करने के लिए भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों जैसे संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर अथवा पर्दों का प्रयोग किया जाता है।


प्रश्न 15 . ध्वनि की प्रबलता(loudness) से क्या अभिप्राय है? यह किन-किन कारकों पर निर्भर करती है?

उत्तर:  प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है । ध्वनि की प्रबलता, ध्वनि के दोलन आयाम (Amplitude of vibration of sound) तथा कानों की संवेदनशीलता (Sensitivity of ears) पर निर्भर करती है।


प्रश्न 16 . वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि(ultrasound) का उपयोग कैसे करते हैं?

उत्तर : पराध्वनि का उपयोग उन भागों को साफ करने में करते हैं जिन तक पहुँचना कठिन होता है; जैसेः सर्पिलाकार नली, विषम आकार के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक अवयव आदि । जिन वस्तुओं को साफ करना होता है उन्हें  साफ करने वाले मार्जन विलयन में रखते हैं और इस विलयन में पराध्वनि तरंगें भेजी जाती हैं। उच्च आवृत्ति होने के कारण धूल, चिकनाई, गंदगी के कण अलग होकर नीचे गिर जाते हैं। इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती है।


प्रश्न 17 . किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि(ultrasound)का उपयोग कैसे किया जाता है, वर्णन कीजिए।

उत्तर: पराध्वनि तरंगों को धातु के ब्लॉक से प्रेषित की जाती है और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों (Detectors) का प्रयोग किया जाता है। यदि थोड़ा-सा भी दोष होता है तो पराध्वनि तरंगें वापस परावर्तित हो जाती हैं जो कि धातु ब्लाक में दोष की उपस्थिति दर्शाती हैं।