अध्याय में दिए गए प्रश्न
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प्रश्न 1. निम्न में किसका जड़त्व(inertia) अधिक है?
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी।
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का ।
उत्तर- (a) चूँकि जड़त्व द्रव्यमान के समानुपाती होता है , रबर की गेंद का द्रव्यमान उसी आकार के पत्थर के द्रव्यमान से कम होगा इसलिए पत्थर का जड़त्व अधिक होगा।
(b) रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान से अधिक है इसलिए रेलगाड़ी का जड़त्व अधिक होगा।
(c) पाँच रुपये के सिक्के का द्रव्यमान एक रुपये के सिक्के के द्रव्यमान से अधिक है इसलिए पाँच रुपये के सिक्के का जड़त्व अधिक होगा।
प्रश्न 2. नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें
"फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुंचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुंचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।"
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर-दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग चार बार बदलता है ।
(i)जब पहला खिलाडी गेंद पर पहली बार किक लगाता है।
(ii)जब दूसरा खिलाडी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुंचाने का प्रयास करता है।
(iii)जब विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है।
(iv)जब गोलकीपर अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।
प्रश्न 3. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तिया झड़ जाती हैं। क्यों?
उत्तर- जब पेड की शाखा को तीव्रता से हिलाते है तो पेड़ की शाखा हिलाने पर वे गति में आ जाती हैं, परंतु पत्तियाँ विरामावस्था में ही रहती हैं, तथा अवस्था परिवर्तन का विरोध करती हैं और झड़ जाती हैं।
प्रश्न 4. जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब स्थिरावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं? क्यों?
उत्तर-जब गतिशील बस अचानक रुकती है तो हम आगे की ओर झुक जाते हैं क्योंकि बस के साथ हमारा शरीर भी गतिमान रहता है।लेकिन जब बस रुक जाती है, तब हमारे पैर विरामावस्था में आ जाते हैं परन्तु शरीर का ऊपर का भाग गति में बना रहता है इसलिए हम आगे की ओर झुक जाते हैं।
जब बस स्थिरावस्था से गतिशील होती है तो हम पीछे की ओर जाते हैं क्योंकि तब हमारे पैर गति की अवस्था में आ जाते हैं परन्तु ऊपर का भाग विरामावस्था में ही बने रहता है , इसलिए हम पीछे की ओर हो जाते हैं।
अभ्यास में दिए गए प्रश्न
प्रश्न 1. कोई वस्तु शून्य बाहय असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो पिंड के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्ते का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर- हाँ, किसी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है। ऐसा तब संभव है जब पिंड के चाल के परिमाण में कोई भी परिवर्तन न हो।अर्थात वस्तु एकसमान चाल से चल रहा हो। तथा वस्तु की गति की दिशा में कोई परिवर्तन न हो ।
प्रश्न 2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर- जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। क्योंकि पीटने पर दरी गति की अवस्था में आ जाती है परंतु धूलकण विराम में ही रहना चाहते हैं। परिणामस्वरूप धूल के कण बाहर आ जाते हैं।परंतु धूल कण जड़त्व (inertia)के कारण विरामावस्था में ही रहना चाहते हैं जिससे धूल के कण दरी से अलग हो जाते हैं।
प्रश्न 3. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बांधा जाता है?
उत्तर- बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से इसलिए बांधा जाता है क्योंकि जब चलती हुई गाड़ी में अचानक ब्रेक लगाए जाते हैं अथवा एकाएक उसे मोड़ा जाता है तो जड़त्व (inertia)के कारण गाड़ी की छत पर रखा सामान उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहने का प्रयास करता है। यदि सामान को बाँधा नहीं गया है तो वह जड़त्व(inertia) के कारण छत से नीचे गिर सकता है।
प्रश्न 4. किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है,अतः गेंद स्थिरवस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें )
उत्तर- (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
प्रश्न 5. एक ट्रक स्थिरावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20s में 400m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 मीट्रिक टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें (1 मीट्रिक टन = 1000 kg)
उत्तर- दिया गया है -
ट्रक द्वारा तय की गई दूरी(s) = 400m
समय(t) = 20 s
प्रारंभिक वेग(u)=0
ट्रक का द्रव्यमान m=7 मीट्रिक टन=7000kg
त्वरण = ?
गति के दूसरे समीकरण के अनुसार
S = ut + 1/2 at²
400 = 0x20 + 1 / 2x a (20)²
400 = 200 a
a=400 /200
अत:ट्रक का त्वरण = 2m/s²
बल(F)=द्रव्यमान(m ) x त्वरण(a)
F=7000x2
F= 14000N
अत: ट्रक पर लगने वाला बल = 14000N
प्रश्न 6. 1kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 m/s के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है, पत्थर 50m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है, पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
उत्तर- दिया गया है -
पत्थर का द्रव्यमान (m) = 1kg
पत्थर का प्रारंभिक वेग(u) = 20m/s
तय कि गई दूरी(s)= 50m
पत्थर का अंतिम वेग(v) = 0m/s
गति के तीसरे समीकरण से
v² - u² = 2as
0² -20² = 2 x a x 50
a = -(400)/100
a = -4 m/s²
पत्थर और बर्फ़ के बीच लगने वाले घर्षण बल
F=m x a
F= 1 x 4 = 4N
अत:पत्थर और बर्फ़ के बीच लगने वाले घर्षण बल = 4N
प्रश्न 7. एक 8000kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000N का बल आरोपित करता है। तथा यदि पटरी 5000N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें
(a) नेट त्वरण बल(net accelerating force)
(b) रेल का त्वरण (acceleration)
उत्तर- दिया गया है -
रेल इंजन का द्रव्यमान =8000 kg
एक डिब्बे का द्रव्यमान =2000 kg
पांच डिब्बो का द्रव्यमान =2000x5=10000 kg
इंजन द्वारा आरोपित बल=40000N
घर्षण बल=5000N
(a) नेट त्वरण बल =इंजन द्वारा आरोपित बल- घर्षण बल
= 40000-5000
= 35000N
(b) नेट बल(F)= 35000N
कुल द्रव्यमान=8000+10000=18000 kg
∵ F=ma
∴ रेल का त्वरण a = F / m
a=35000/18000
a = 1.9m/s ²
प्रश्न 8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500kg है। यदि गाड़ी को 1.7m/s² के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा ?
उत्तर- दिया गया है -
गाड़ी का द्रव्यमान(m)= 1500kg
त्वरण(a)= -1.7m/s ²
∵ F=ma
= 1500 x -1.7
= - 2550N
अत: गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल 2550N है।
प्रश्न 9. किसी m द्रव्यमान की पिंड जिसका वेग v है, का संवेग क्या होगा?
(a) (mv) ² (b) mv² (c) ( ½ )mv² (d) mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर- (d) mv
प्रश्न 10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200N बल लगाकर उसे नियत वेग से फ़र्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा ?
उत्तर- चूंकि लकड़ी बक्से को 200N का बल लगाकर नियत वेग से फ़र्श पर धकेला जा रहा है, अतः बक्से पर नेट असंतुलित बल शून्य होगा इसलिए बक्से पर लगने वाला घर्षण बल आरोपित बल के समान 200N होगा।
प्रश्न 11. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी पिंड को धक्का देते हैं, तो पिंड उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह पिंड एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताइए कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर- ट्रक का द्रव्यमान अत्यधिक होने के कारण इसका जड़त्व बहुत अधिक होता है अतः ट्रक को गतिमान करने के लिए अत्यधिक असंतुलित बल की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 12 . 200g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10m/s से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5 m/s के वेग से अपने प्रारंभिक मार्ग पर वापस लौटती है ।हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आए संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
उत्तर- दिया गया है -
गेंद का द्रव्यमान m=200g=0.2kg
हॉकी स्टिक से टक्कर से पूर्व की गेंद का वेग u= 10m/s
हॉकी स्टिक से टक्कर के बाद का वेग v = 5 m/s
हॉकी स्टिक से टक्कर से पहले गेंद का कुल संवेग= mu
= 0.2x10
=2 kgm/s
हॉकी स्टिक से टक्कर के बाद गेंद का कुल संवेग = mv
= 0.2x5
=1 kgm/s
हॉकी की गेंद में आया संवेग परिवर्तन = अंतिम संवेग - प्रारंभिक संवेग
=1 - 2
= -1 kgm/s
प्रश्न 13.10g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150m/s के वेग से चल कर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03s के बाद रुक जाती है।गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें।
उत्तर- दिया गया है -
गोली का द्रव्यमान(m)= 10g= 0.01kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u) = 150m/s
अंतिम वेग(v)= 0
समय(t)= 0.03 s
गोली का त्वरण a = (v-u) / t
= (0-150) /0.03
= -5000 m/s ²
गति के दूसरे समीकरण से -
s = ut +1/2(at)²
= 150 x 0.03 + 1/2(-5000) x (0.03)²
= 4.5 -2.25
s = 2.25m
अत:गोली लकड़ी को 2.25m दूरी तक भेदेगी।
लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल
F=ma
= 0.01x5000
F = 50N
प्रश्न 14 . एक पिंड जिसका द्रव्यमान 1kg है, 10ms के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए स्थिरावस्था में रखे 5kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
उत्तर- दिया गया है -
पिंड का द्रव्यमान m₁=1kg
टक्कर से पूर्व पिंड का वेग u₁= 10m/s
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान m₂= 5kg
टक्कर से पूर्व लकड़ी के गुटके का वेग u₂= 0
माना टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग=v
टक्कर से पहले का कुल संवेग= m₁u₁ + m₂u₂
=1x10+5 x 0
=10 kgm/s
टक्कर के बाद का कुल संवेग= (m₁ + m₂) v
=(1+5 )v
संवेग संरक्षण के नियमानुसार
टक्कर से पहले का कुल संवेग= टक्कर के बाद का कुल संवेग
10=6v
v= 10/6
v = 1.67m/s
अत:टक्कर से पहले टक्कर के बाद संवेग =10 kgm/s
टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग=1.67m/s
प्रश्न 15 . 100kg द्रव्यमान की एक पिंड का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5m/s से 8m/s हो जाता है। पिंड के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
उत्तर- दिया गया है -
पिंड का द्रव्यमान (m)=100kg
पिंड का प्रारंभिक वेग (u)=5m/s
पिंड का अंतिम वेग (v)=8m/s
समय(t) =6s
पिंड का प्रारंभिक संवेग = द्रव्यमान m xवस्तु का प्रारंभिक वेग u
=100X5
=500kgm/s
पिंड का अंतिम संवेग=द्रव्यमान m x वस्तु का अंतिम वेग v
=100x8
=800 kgm/s
बल(F)=संवेग परिवर्तन/समय
=(800-500)/6
=300/6
= 100/2
बल =50N
अतः पिंड का प्रारंभिक संवेग =500kgm/s
पिंड का अंतिम संवेग= 800 kgm/s
वस्तु पर आरोपित बल =50N
प्रश्न 16 .अख्तर ,किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार है अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मात हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर-राहुल का तर्क सही है। दोनों पर समान बल लगेगा क्योंकि क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है तथा दोनों के संवेग में परिवर्तन का परिमाण भी समान होगा , क्योकि टक्कर के दौरान संवेग संरक्षित रहता है।
प्रश्न 17 . एक 10kg द्रव्यमान की घंटी 80cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10m/s²।
उत्तर- दिया गया है-
घंटी का द्रव्यमान(m)=10kg
दूरी(s) = 80cm = 0.8m
त्वरण(a)= 10m/s²
प्रारंभिक वेग(u)=0
तथा माना अंतिम वेग= v
गति के तीसरे समीकरण के अनुसार
v²- u² = 2as
v² =u² + 2as
= 0² + 2 x 10 x 0.8
v²=16
v = 4m/s
अत: संवेग = mv
= 10x 4
= 40 kgm/s
चूँकि फ़र्श को स्पर्श करने के ठीक पूर्व घंटी का संवेग 40 kgm/sहै, अत: घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग 40 kgm/s होगा।