पेज न ० :56
प्रश्न1. कोशिका की खोज किसने की और कैसे की?
उत्तर: कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने की थी। उन्होंने कोशिका को कॉर्क की पतली काट को स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा और इन प्रकोष्ठकों को कोशिका(Cell) नाम दिया।
प्रश्न2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक(structural) एवं क्रियात्मक(functional) इकाई क्यों कहते हैं?
उत्तर: कोशिका जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई हैं क्योंकि कोशिकाएं विभाजित होकर अपनी ही जैसी अनेक कोशिकाएं बनाती हैं , जिनसे जीवों के शरीर का निर्माण होता है। इसलिए कोशिका को जीवन की संरचनात्मक इकाई कहा जाता है। प्रत्येक जीवित कोशिका में कुछ मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है। शरीर के विभिन्न अंग जो इन्हीं जीवित कोशिकाओं से बने होते हैं विभिन्न कार्य करते हैं। अतः कोशिका को जीवन की क्रियात्मक इकाई भी कहा जाता है
पेज न ० :58
प्रश्न1. CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।
उत्तर: CO2 जैसे पदार्थ कोशिका झिल्ली के आर-पार विसरण (diffusion)प्रक्रिया द्वारा आ जा सकते हैं। जब कोशिका में CO2 की सांद्रता अधिक तथा बाह्य वातावरण में सांद्रता कम होती है तो जाती है तो CO2 उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरित हो जाती है।
जल के अणु परासरण(osmosis) प्रक्रिया द्वारा कोशिका के अंदर तथा बाहर जाते हैं, जल के अणुओं की गति जब अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली या वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली(selective permeable membrane) द्वारा होती है तो इसे परासरण कहते हैं। इस प्रक्रिया में जल के अणु अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली से जल की उच्च सांद्रता से जल की निम्न सांद्रता की ओर गति करते हैं।
प्रश्न2. प्लैज़्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली (selective permeable membrane) क्यों कहते हैं?
उत्तर: प्लैज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अधिक सांद्रता से कम सांद्रता की ओर आने जाने देती है और यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है। इसलिए कोशिका झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।
पेज : 60
प्रश्न1. क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं (prokaryotic and eukaryotic cells)में अंतर स्पष्ट हो सके:
प्रोकैरियोटी कोशिका | यूकैरियोटी कोशिका |
1. आकार प्रायः छोटा (1 – 10 μm), 1μm = 10-6m | 1. आकार प्रायः बड़ा (5 – 100μm ) |
2. केंद्रकीय क्षेत्र : ………. और उसे ……… कहते हैं। | 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है। |
3. क्रोमोसोम: एक | 3. क्रोमोसोमः एक से अधिक |
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित | 4. …………………………….. |
प्रोकैरियोटी कोशिका | यूकैरियोटी कोशिका |
1. आकार प्रायः छोटा (1 – 10 μm), 1μm = 10-6m | 1. आकार प्रायः बड़ा (5 – 100 μm) |
2. केंद्रकीय क्षेत्र : अस्पष्ट होता है और उसे केंद्रक -काय कहते हैं। | 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है। |
3. क्रोमोसोम: एक | 3. क्रोमोसोमः एक से अधिक |
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित | 4. झिल्लीयुक्त कोशिका अंगक उपस्थित होते हैं। |
पेज : 63
प्रश्न1. क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं। जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ(genetic material) होता है?
उत्तर: माइटोकॉन्ड्रिया तथा लवक(Mitochondria and plastids)।
प्रश्न2. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तर: यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो लाइसोसोम (lysosome)फट जाते हैं और लाइसोसोम से निकले एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को विघटित कर देते हैं जिससे कोशिका नष्ट हो जाती है।
प्रश्न3. लाइसोसोम (lysosome)को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?
उत्तर: कोशिका के क्षतिग्रस्त मृत हो जाने पर लाइसोसोम फट जाते हैं जिनसे एंजाइम उस कोशिका को पाचित कर देते हैं। इसलिए लाइसोसोम को आत्मघाती थैली कहा जाता है।
प्रश्न4. कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर: राइबोसोम में।
अभ्यास में दिए गए प्रश्न
प्रश्न1. पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।
उत्तर:
पादप कोशिका | जंतु कोशिका |
1. पादप कोशिका में कोशिका भित्ति होती है। | 1. जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती। |
2. इसमें हरितलवक उपस्थित होते हैं। | 2. इसमें हरितलवक उपस्थित नहीं होते हैं। |
3. यह प्रकाश संश्लेषण करने में सक्षम होती है। | 3. यह प्रकाश संश्लेषण करने में सक्षम नहीं होती है । |
4. रसधानियां बड़ी होती हैं । | 4. रसधानियां छोटी होती हैं । |
प्रश्न2. प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं यूकैरियोटिक कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती है?
उत्तर:
प्रोकैरियोटी कोशिका | यूकैरियोटी कोशिका |
1. आकार प्रायः छोटा (1 – 10 μm), 1μm = 10-6m | 1. आकार प्रायः बड़ा (5 – 100 μm) |
2. केंद्रकीय क्षेत्र : अस्पष्ट होता है और उसे केंद्रक -काय कहते हैं। | 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है। |
3. क्रोमोसोम: एक | 3. क्रोमोसोमः एक से अधिक |
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित | 4. झिल्लीयुक्त कोशिका अंगक उपस्थित होते हैं। |
प्रश्न3. यदि प्लाज्मा झिल्ली(plasma membrane) फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?
उत्तर: प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अंदर अथवा बाहर आने जाने देती है और यह पदार्थों की गति को भी रोकती है। यह विसरण प्रक्रिया में भी सहायक होती है। यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए तो कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाएगी।
प्रश्न4. यदि गॉल्जी उपकरण(golgi body) ना हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर: गॉल्जी उपकरण ,अन्तः प्रद्रव्यी जालिका में संश्लेषित पदार्थों को पैक करके कोशिका के बाहर तथा अन्दर विभिन्न क्षेत्रों में भेजते हैं। गॉल्जी उपकरण से लाइसोसोम का निर्माण होता है। यदि गॉल्जी उपकरण ना हो तो कोशिका में बने पदार्थों की पैकेजिंग तथा लाइसोसोम का बनना संभव नहीं हो पाएगा ।
प्रश्न5. कोशिका का कौन-सा अंग बिजलीघर है? और क्यों?
उत्तर: माइटोकॉन्ड्रिया(mitochondria) ‘कोशिका का बिजलीघर’ है क्योंकि माइटोकॉण्ड्रिया में भोज्य पदार्थों (ग्लूकोस) का जैव-रासायनिक ऑक्सीकरण होता है। इसके फलस्वरूप मुक्त ऊर्जा ATP में संचित हो जाती है। ATP में संचित ऊर्जा जैविक क्रियाओं के काम आती है। इसलिए माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का विद्युत गृह कहते हैं।
प्रश्न6. कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर: खुरदरी अंतर्द्रवीय जालिका (RER) पर स्थित रैबोसोम्स प्रोटीन का तथा चिकनी अंतर्द्रीय जालिका (SER) लिपिड का संश्लेषण करती है।
प्रश्न7. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?
उत्तर: अमीबा अन्तःग्रहण(Endocytosis) विधि द्वारा अपना भोजन प्राप्त करता है। इसकी कोशिका झील्ली अत्यधिक लचीली होती है जिसके कारण यह बाहर के वातावरण में से भोजन के कण और अन्य पदार्थ ग्रहण कर लेता है । इस कार्य के लिए इसके कुटपाद आगे की ओर बढ़कर भोजन के कण को पूरा घेर लेते हैं और इस प्रकार भोजन जीवद्रव्य में पहुंच जाता है।
प्रश्न8. परासरण(osmosis) क्या है?
उत्तर: वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा जल के अणुओं का उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर गति गति करना परासरण कह लाता है।
प्रश्न9. निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें-
छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप ‘A’ को खाली रखो,
(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो।
आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो :
(i) कप ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र होता है ?
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ ?
उत्तर: (i) कप ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल इसलिए एकत्र होता है क्योंकि परासरण तथा जल कप B तथा C के अंदर चला जाता है।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इनमें कोई परिवर्तन नहीं होता।
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं हुआ क्योंकि इसमें बाह्य जल की सांद्रता तथा कोशिका के अंदर के जल की सांद्रता समान है।
प्रश्न10. कायिक वृद्धि तथा मरम्मत(growth and repair of body) हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताएं?
उत्तर: कायिक वृद्धि और मरम्मत के लिए सूत्री विभाजन (Mitosis) की आवश्यकता होती है। सूत्री विभाजन में प्रत्येक कोशिका विभाजित होकर दो समरूप संतति कोशिकाएं बनाती है । जिससे जीवों में वृद्धि और मरम्मत होती रहती हैं।
प्रश्न11. युग्मकों के बनने के लिए किस प्रकार का कोशिका विभाजन होता है? इस विभाजन का महत्व बताएँ।
उत्तर: युग्मकों के बनने के लिए अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis) होता है। अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप एक कोशिका विभाजित होकर दो की जगह चार नई कोशिकाएं बनती है। अर्धसूत्री विभाजन के बाद नई कोशिकाओं में क्रोमोसोम की संख्या आधी हो जाती है।