अध्याय में दिए गए प्रश्न
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प्रश्न 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?
उत्तर: किसी विद्युत धारा के सतत् तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।
प्रश्न 2 . विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर (A)है।यदि किसी चालक से प्रति सेकंड 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है, तो विद्युत धारा का मान 1 ऐम्पियर कहलाता है।
∴ 1 A= 1 C(coulomb)/ 1 s (second)
प्रश्न 3.एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।
उत्तर : ∵1 इलेक्ट्रॉन पर आवेश e = 1.6 x 10-19 C
∴ 1C आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या (n) =
1 कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6.25×10-18 इलेक्ट्रॉन
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प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर : किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने वाली उस युक्ति का नाम विद्युत सेल है।
प्रश्न 2.यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1V है?
उत्तर : इसका यह तात्पर्य है कि एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक 1 कूलॉम (1C) आवेश को ले जाने में 1 जूल (1J) कार्य करना पड़ेगा।
प्रश्न 3. 6V बैट्री से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर : 6V बैट्री से गुजरने वाले हरएक कूलॉम आवेश को 6 J ऊर्जा दी जाती है।
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प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर :किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है
1 . चालक तार की लंबाई-चालक तार का प्रतिरोध तार की लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है।
2 चालक तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल-प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) का व्युत्क्रमानुपाती होता है।
3 पदार्थ की प्रकृति
प्रश्न 2.समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो, तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?
उत्तर :
∵ चालक तार का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
∵ मोटे तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल अधिक होता है।
∴ मोटे तार का प्रतिरोध पतले तार के प्रतिरोध की अपेक्षा कम होगा, इसलिए मोटे तार से विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी।
प्रश्न 3.मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर :
∵ प्रतिरोध, R = V / I
धारा I = V / R (प्रतिरोध नियत रहता है)
∴I ∝ V अतः विभवांतर आधा हो जाने पर धारा भी आधी हो जाएगी
प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु (या मिश्रातु) के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर : विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु (या मिश्रातु) के इसलिए बनाए जाते हैं क्योंकि- मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है तथा ताप वृद्धि के कारण इसके प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है। मिश्रातुओं का दहनउच्च ताप पर शीघ्र नहीं होता है।
प्रश्न 5.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए।
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है।
उत्तर :(a) आयरन की प्रतिरोधकता 10.0 x 10⁻⁸Ωm है, जबकि मर्करी की प्रतिरोधकता 94.0 x 10⁻⁸Ωm है। अतः आयरन (Fe), मर्करी (Hg) की अपेक्षा विद्युत का अच्छा चालक है।
(b) सारणी के आधार पर सिल्वर (Ag) की प्रतिरोधकता (1.6x10⁻⁸) सबसे कम है। अत: पर सर्वश्रेष्ठ चालक है। प्रश्न 12. किसी विद्युत
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प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ की व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सेलों की बैट्री, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
उत्तर :
प्रश्न 2. प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोधक सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
माना श्रेणी संयोजन का कुल प्रतिरोध R है तो
R = R₁ + R₂ + R₃ = 5+8+12=25Ω
बैटरी का विभवान्तर V = 2 + 2 + 2 = 6V
परिपथ में धारा I = V / R
=6 / 25 = 0.24 A
अतः अमीटर का पाठ्यांक 0.24 A होगा।
V = IR से,
R3 = 12Ω के सिरों का विभवान्तर V
अतः विभवान्तर V = IR₃ = 0.24 × 12 = 2.88 V
अतः वोल्टमीटर का पाठ्यांक 2.88 V होगा।
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प्रश्न 1. जब (d) 1Ω तथा 106Ω (b) 1Ω, 103Ω तथा 106Ω के प्रतिरोध पाश्र्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं, तो इनके
तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे।
उत्तर : (a) दिया है : R₁= 1 Ω, R₂= 106Ω = 1000000Ω
समान्तर संयोजन के सूत्र से,
उपर्युक्त परिणामों से स्पष्ट होता है कि समान्तर संयोजन का तुल्य प्रतिरोध, संयोजन में जुड़े अल्पतम प्रतिरोध से भी कम होता है।
प्रश्न 2 . 100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 5002 का एक जल फिल्टर 220V के विद्युत स्रोत | से पाश्र्वक्रम में संयोजित है। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है, जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें, तो वह इतनी ही विद्युत धारा लेती है, जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं? यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से | कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है?
उत्तर : विद्युत इस्तरी, तीनों उपकरणों के बराबर घारा लेती है; अतः इस्तरी का प्रतिरोध, उपकरणों के समान्तर संयोजन के तुल्य प्रतिरोध के बराबर होगा।
दिया है R₁ = 100Ω, R₂= 50Ω तथा R₃ = 500Ω
माना कि इस्तरी का प्रतिरोध R है
समान्तर संयोजन के सूत्र से,
विद्युत इस्तरी द्वारा ली गई धारा I = V/ R
= 220 / 31.25
= 7.04 A
प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पाश्र्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर : वैद्युत युक्तियों को पाश्र्वक्रम में संयोजित करने के निम्नलिखित लाभ हैं-
(1) पार्श्वक्रम में जोड़ने पर उपकरणों को आवश्यकतानुसार अलग-अलग ऑन/ऑफ किये जा सकते हैं।
(2) पार्श्वक्रम में जोड़ने पर, सभी उपकरणों के सिरों के बीच समान विभवान्तर उपलब्ध रहता है।
(3) पार्श्वक्रम में परिपथ का कुल प्रतिरोध घटता जाता है तथा धारा बढ़ती जाती है।
प्रश्न 4. 2Ω, 3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4Ω, (b) 1Ω हो?
उत्तर : दिया है (a) R₁ = 2 Ω, R₂= 3 Ω तथा R₃ = 6 Ω
4Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए पहले 3Ωव 6Ω के प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में जोड़ना होगा तथा उसके बाद 2Ωके प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा।
3Ωव 6Ω के पाश्र्व संयोजन का प्रतिरोध = 1 / R =1 / 3 + 1/ 6
1/R= 3/6
R= 2 Ω
2Ωके प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर = 2 Ω+ 2 Ω
तुल्य प्रतिरोध = 4 Ω
(b) 1 Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु तीनों प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में जोड़ना होगा।
1 / R = 1/2 + 1/3 + 1/6
= 6/6
तुल्य प्रतिरोध = 1 Ω
प्रश्न 5. 4Ω, 8Ω, 12Ω तथा 24Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से
(a) अधिकतम, (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?
उत्तर : दिया है R₁ =4 Ω, R₂= 8 Ω , R₃ = 12Ω तथा R₄ =24Ω
(a) अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु सभी को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा,
R = R₁ + R₂+ R₃ +R₄ =24Ω
=4+8+12+24= 48Ω
∴ अधिकतम प्रतिरोध = 48Ω
(b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु सभी को पार्श्वक्रम में जोड़ना होगा।
1/R= 1/R₁ + 1/R₂+ 1/R₃ + 1/R₄
1/R= 1/4 +1/8 +1/12 +1/24
1/R= 12/24
R = 24/12
∴ निम्नतम प्रतिरोध = 2 Ω
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प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?
उत्तर : दिया है -
उत्तर : किसी विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर विद्युत शक्ति के द्वारा निर्धारित होती है।
उत्तर :