Solution for Class 10 Science Chapter 12 Electricity विद्युत

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अध्याय में दिए गए प्रश्न

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प्रश्न 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?

उत्तर: किसी विद्युत धारा के सतत् तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं। 

प्रश्न 2 . विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।

उत्तर: विद्युत धारा का SI मात्रक ऐम्पियर (A)है।यदि किसी चालक से प्रति सेकंड 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है, तो विद्युत धारा का मान 1 ऐम्पियर कहलाता है।

∴ 1 A= 1 C(coulomb)/ 1 s (second) 

प्रश्न 3.एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।
उत्तर :  ∵1 इलेक्ट्रॉन पर आवेश   e = 1.6 x 10-19 
∴ 1C आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या (n) = frac { 1C }{ 1.6times { 10 }^{ -9 } }

 1 कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या    = 6.25×10-18 इलेक्ट्रॉन

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प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर : किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने वाली उस युक्ति का नाम  विद्युत सेल  है।

प्रश्न 2.यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1V है?
उत्तर : इसका यह तात्पर्य है कि एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक 1 कूलॉम (1C) आवेश को ले जाने में 1 जूल (1J) कार्य करना पड़ेगा।

प्रश्न 3. 6V बैट्री से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर : 6V बैट्री से गुजरने वाले हरएक कूलॉम आवेश को 6 J ऊर्जा दी जाती है। 

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प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर :किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है

1 . चालक तार की लंबाई-चालक तार का प्रतिरोध तार की लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है।

2 चालक तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल-प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल (A) का व्युत्क्रमानुपाती होता है।

3 पदार्थ की प्रकृति

प्रश्न 2.समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो, तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?
उत्तर :
∵ चालक तार का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। Rpropto frac { 1 }{ A }

∵  मोटे तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल अधिक होता है।
∴ मोटे तार का प्रतिरोध पतले तार के प्रतिरोध की अपेक्षा कम होगा, इसलिए  मोटे तार से विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी।

प्रश्न 3.मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर :
 ∵ प्रतिरोध, R = V / I

 धारा I = V / R (प्रतिरोध नियत रहता है)

∴I ∝ V अतः विभवांतर आधा हो जाने पर धारा भी आधी हो जाएगी  

प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु (या मिश्रातु) के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर : विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु (या मिश्रातु) के इसलिए बनाए जाते हैं क्योंकि- मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है तथा ताप वृद्धि के कारण इसके प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है। मिश्रातुओं का दहनउच्च ताप पर शीघ्र नहीं होता है।

प्रश्न 5.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए।
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है।

उत्तर :(a) आयरन की प्रतिरोधकता 10.0  10⁻⁸Ωm है, जबकि मर्करी की प्रतिरोधकता 94.0 x 10⁻⁸Ωm है। अतः आयरन (Fe), मर्करी (Hg) की अपेक्षा विद्युत का अच्छा चालक है। 

(b) सारणी के आधार पर सिल्वर (Ag) की प्रतिरोधकता (1.6x10⁻⁸) सबसे कम है। अत: पर सर्वश्रेष्ठ चालक है। प्रश्न 12. किसी विद्युत

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प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ की व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सेलों की बैट्री, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक 12Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।

उत्तर :

प्रश्न 2. प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोधक सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
उत्तर :

माना श्रेणी संयोजन का कुल प्रतिरोध R है तो 

R = R₁ + R + R = 5+8+12=25Ω 

बैटरी का विभवान्तर V = 2 + 2 + 2 = 6V

परिपथ में धारा I = V / R 

                        =6 / 25 = 0.24 A

 अतः अमीटर का पाठ्यांक 0.24 A होगा।

 V = IR से, 

R3 = 12Ω  के सिरों का विभवान्तर V 

अतः विभवान्तर V = IR = 0.24 × 12 = 2.88 V 

 अतः  वोल्टमीटर का पाठ्यांक 2.88 V होगा।

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प्रश्न 1. जब (d) 1Ω तथा 106Ω (b) 1Ω, 103Ω तथा 106Ω के प्रतिरोध पाश्र्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं, तो इनके
तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे।

उत्तर : (a) दिया है : R₁= 1 Ω, R₂= 106Ω = 1000000Ω 

 समान्तर संयोजन के सूत्र से,                                  

उपर्युक्त परिणामों से स्पष्ट होता है कि समान्तर संयोजन का तुल्य प्रतिरोध, संयोजन में जुड़े अल्पतम प्रतिरोध से भी कम होता है। 

प्रश्न 2 . 100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 5002 का एक जल फिल्टर 220V के विद्युत स्रोत | से पाश्र्वक्रम में संयोजित है। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है, जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें, तो वह इतनी ही विद्युत धारा लेती है, जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं? यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से | कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है?

उत्तर : विद्युत इस्तरी, तीनों उपकरणों के बराबर घारा लेती है; अतः इस्तरी का प्रतिरोध, उपकरणों के समान्तर संयोजन के तुल्य प्रतिरोध के बराबर होगा।

दिया है  R₁ = 100Ω, R= 50Ω  तथा R₃ = 500Ω

माना कि इस्तरी का प्रतिरोध R है 

 समान्तर संयोजन के सूत्र से,




विद्युत इस्तरी द्वारा ली गई धारा  I = V/ R

                                                    = 220 / 31.25

                                                    = 7.04 A

प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पाश्र्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर : वैद्युत युक्तियों को पाश्र्वक्रम में संयोजित करने के निम्नलिखित लाभ हैं-

(1) पार्श्वक्रम में जोड़ने पर उपकरणों को आवश्यकतानुसार अलग-अलग ऑन/ऑफ किये  जा  सकते हैं।

(2) पार्श्वक्रम में जोड़ने पर, सभी उपकरणों के सिरों के बीच समान विभवान्तर उपलब्ध रहता है।

(3) पार्श्वक्रम में  परिपथ का कुल प्रतिरोध घटता जाता है तथा धारा बढ़ती जाती है। 

प्रश्न 4. 2Ω, 3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4Ω, (b) 1Ω हो?

उत्तर :  दिया है (a)  R₁ = 2 Ω, R= 3 Ω  तथा R₃ = 6 Ω

4Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए पहले 3Ωव 6Ω  के प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में जोड़ना होगा  तथा उसके बाद 2Ωके प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा। 

3Ωव 6Ω के पाश्र्व संयोजन का प्रतिरोध = 1 / R =1 / 3 + 1/ 6

                                                        1/R= 3/6

                                                        R= 2 Ω

2Ωके प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर = 2 Ω+ 2 Ω

                                         तुल्य प्रतिरोध    = 4  Ω

 (b) 1 Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु तीनों प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में जोड़ना होगा।

    


1 / R =  1/2 +  1/3 + 1/6 

            = 6/6

तुल्य प्रतिरोध = 1 Ω

प्रश्न 5. 4Ω, 8Ω, 12Ω तथा 24Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से
(a) अधिकतम, (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?
उत्तर : दिया है  R₁ =4 Ω,  R8 Ω  , R₃ = 12Ω तथा  R₄ =24Ω 

(a)  अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त  करने हेतु सभी को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा, 

        R = R₁ + R₂+ R₃ +R₄ =24Ω 

            =4+8+12+24= 48Ω 

∴ अधिकतम प्रतिरोध = 48Ω 

(b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु सभी को पार्श्वक्रम में जोड़ना होगा।

1/R= 1/R₁ + 1/R₂+ 1/R₃ + 1/R₄

1/R= 1/4 +1/8 +1/12 +1/24

1/R= 12/24

 R = 24/12 

∴ निम्नतम प्रतिरोध = 2 Ω 

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प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?

उत्तर : विद्युत हीटर की डोरी शुद्ध धातु की बनी होती है जिसका  प्रतिरोध अत्यंत कम होता है जबकि तापन अवयव मिश्र धातु नाइक्रोम का बना होता है  जिसका प्रतिरोध काफी ज्यादा होता है। अतः जूल के नियम से HαR होता है। इसलिए विद्युत स्रोत की ऊर्जा पूर्ण रूप से ऊष्मा में बदलकर तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है जबकि डोरी उत्तप्त नहीं होती  है।

प्रश्न 2. एक घंटे में 50 V  विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर : दिया है 
        विभवांतर  V = 50 V
       स्थानांतरित आवेश Q = 96000 कूलॉम
∵ V = W/Q
W= Q V
        = 96000 X 50
  ∴ आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा  = 4800000 J

प्रश्न 3.20Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर :  दिया है -
        R= 20Ω 
        I= 5A
        t= 30s
∴ उत्पन्न ऊष्मा  Q= I²Rt
                           = (5)² X 20 X 30
                           = 15000 J
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प्रश्न 1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर : किसी विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर विद्युत शक्ति के द्वारा निर्धारित होती है।

प्रश्न 2.कोई विद्युत मोटर 220V के विद्युत स्रोत से 5.0A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
उत्तर : 
     दिया है - 
       V = 220 V 
        I= 5.0A
        t= 2 h
 मोटर की शक्ति  P= VI
                            = 220 X 5
                            = 1100 w
 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा W = Pt
                                                    = 1100 X 2
                                                    = 2200 Wh or 2.2 kWh

अभ्यास में दिए गए प्रश्न

प्रश्न 1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है, तो R/R’ अनुपात का मान क्या है।

(a) 1/25

(b) 1/5

(c) 5

(d) 25

उत्तर: (d)

क ग ा ि

R1 = R2 = R3 = R4 = R5 = R/5

1/R’ = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3 + 1/R4 + 1/R5

= 1/(R/5) + 1/(R/5) + 1/(R/5) + 1/(R/5) + 1/(R/5)

= 5/R + 5/R + 5/R + 5/R + 5/R

= 5 x 5/R

i.e. 1/R’ = 25/R

R/R’ = 25/1 = 25 

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?

(a) I2R

(b) IR2

(C) VI

(d) V2/R

उत्तर: (b) IR2

प्रश्न 3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220V 100W है। जब इसे 110V पर प्रचालित करते हैं, तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?

(a) 100W

(b) 75W

(c) 50W

(d) 25W

उत्तर: (d) 25 W

चूँकि अनुमतांक 220V, 100w है

P = V2/R

R =  V2/P

= (220 x 220)/100

= 484Ω

जब बल्ब 110V पर प्रचालित करते हैं-

P’ = (V’)2/R = (110 x 110)/484 = 25W

प्रश्न 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं, किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पाश्र्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?

(a) 1:2

(b) 2:1

(c) 1:4

(d) 4:1

उत्तर: (c) 1:4

प्रश्न 5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर किस प्रकार संयोजित किया जाता है?

उत्तर: विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को दो बिंदुओं के बीच पाश्र्वक्रम में संयोजित किया जाता है।

प्रश्न 6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8 Ωm है। 10Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लम्बे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार लें, तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?

उत्तर: तार का व्यास d = 0.5 mm

तार की त्रिज्या r =  0.5/2 = (5/2) x 10-4 m

प्रतिरोधकता ρ = 1.6 x 10-8 Ωm

प्रतिरोध  R = 10 Ω

R = ρl/A =ρl/(πr2)

l = Rπr2/ρ = 10 x π x {(5/2) x 10-4}2/(1.6 x 10-8)

l = 122.7m

चुकि       R ∝ 1/A

i.e. R1/R2 = A2/A1

10/R2 = π(2d/2)2/π(d/2)2

= 4/1

R2 = (1/4)x10 = 2.5Ω

अतः तार का नया प्रतिरोध = 2.5Ω

यदि तार का व्यास दुगुना कर दिया जाए तो प्रतिरोध का मान घटकर एक चौथाई हो जाएगा।


प्रश्न 7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर V के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं I के संगत मान नीचे दिए गए हैं। प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।

I (ऐम्पियर)    0.5            1.0            2.0            3.0            4.0

V (वोल्ट)        1.6            3.4           6.7            10.2         13.2


उत्तर:

Graph between V and I



प्रतिरोधक प्रतिरोध R = (VA - VB)/(IA - IB)

= (12V - 6V)/(3.5A - 1.7

= 6V/1.75A = 3.4Ω

R = 3.4


प्रश्न 8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।

उत्तर: बैटरी की वोल्टता V = 12V

परिपथ में प्रवाहित धारा I = 2.5mA = 2.5 x 10-3A

प्रतिरोध R = V/I = 12/(2.5 x 10-3)

R = ( 12 x 103 ) / 25

R = 4800Ω

R = 4800/1000 KΩ

R = 4.8 KΩ


प्रश्न 9. 9V की किसी बैटरी को 0.2Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5Ω तथा 12 Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है। 12Ω के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?

उत्तर: दिया है- बैटरी की वोल्टता (V) = 9V

R1 = 0.2Ω, R2 = 0.3Ω

R3 = 0.4Ω, R4 = 0.5Ω तथा 

R5 = 12Ω

चुकि R1, R2, R3, R4, तथा  R5 श्रेणीक्रम में संयोजित है-

तुल्य प्रतिरोध R = R1 + R2 + R3 + R4 + R5

= (0.2 + 0.3 + 0.4 + 0.5 + 12)Ω

= 13.4 Ω

परिपथ में प्रवाहित धारा (I) = V/R

= 9/13.4 = 0.67 A      

हम जानते हैं कि श्रेणीक्रम में संयोजित सभी प्रतिरोधकों से समान धारा प्रवाहित होती है।

∴ 12Ω के प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा (I) = 0.67 होगी।


प्रश्न 10. 176 Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220V के विद्युत स्रोत से संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो?

उत्तर: माना कि 176 Ω प्रतिरोध वाले n प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किए गए हैं।

अतः तुल्य प्रतिरोध (Rp) का मान होगा-

1/Rp = 1/176 + 1/176 + ----------------- + n बार

1/R= n.(1/176)

Rp = 176/n Ω                                                   ---- (1)

दिया है - V = 220 V तथा I = 5 A

ओम के नियम द्वारा -    Rp = V/I = 220/5 = 44 Ω 

समीकरण (1) में  Rp का मान प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है-

44 = 176/n

n = 176/44

n = 4

अत: प्रतिरोधकों की संख्या (n) = 4


प्रश्न 11. यह दर्शाइए कि आप 62 प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध

(i) 9 Ω , (ii) 4Ω हो

उत्तर: (i) दिया है - R1 = R2 = R3 = 6Ω

9Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए का , पहले दो प्रतिरोधकों को समान्तर क्रम में तथा तीसरे प्रतिरोध को श्रेणी क्रम में जोड़ना होगा।



6Ω वाले दो प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में जोड़ा गया है

∴तुल्य प्रतिरोध (RP) =

1/RP = 1/6 + 1/6

1/RP = 2/6 = 1/3

RP = 3Ω

∵ RP तथा 6Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में संयोजित है|

कुल प्रतिरोध = 3Ω  + 6Ω = 9Ω


(ii) 4Ω कुल प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए 6Ω-6Ω के दो प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा तथा तीसरा प्रतिरोधक इनके पार्श्वक्रम में संयोजित करेंगे


6Ω वाले दो प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम का प्रतिरोध =

                                                            Rs = 6 + 6 = 12Ω

∵12Ω और शेष बचे 6Ω का तुल्य प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित हैं

कुल प्रतिरोध

1/Rp = 1/12 + 1/6 = (1+2)/12 = 3/12

1/Rp = ¼

Rp = 4Ω


प्रश्न 12. 220V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 W है। यदि 220V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?

उत्तर: दिया है—

प्रत्येक बल्ब की शक्ति P = 10W

वोल्टता V = 220V है।

विद्युत धारा = 5A

माना n बल्बों को पार्श्वक्रम में जोड़ा जाता है। तब परिपथ में कुल शक्ति व्ययP = n X एक बल्ब की शक्ति                                               = n × 10 W = 10n W होगी। ∵P = VI

10 n W =(220 X 5)/10

         = 110 बल्ब

दिए गए परिपथ में दो तारों के बीच 110 बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?


प्रश्न 13. किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियों A तथा B की बनी हैं, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24Ω है तथा इन्हें पृथक-पृथक, श्रेणीक्रम में अथवा पाश्र्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जाता है। यदि यह भट्टी 220V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है, तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं?

उत्तर:

दिया है - विद्युत स्रोत की वोल्टता (V) = 220V

कुंडली A का प्रतिरोध R1 = 24 Ω

कुंडली B का प्रतिरोध R2 = 24 Ω

(a) पहले प्रकरण में- जब इन कुंडलियों को पृथक-पृथक विद्युत स्रोतों से संयोजित किया जाता है, तब

प्रवाहित विद्युत धारा I = V/R1 = V/R2 = 220/24 = 9.2A

अतः प्रत्येक कुंडली से प्रवाहित धारा = 9.2A

(b) दूसरे प्रकरण में- जब इन्हें श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है तब कुल प्रतिरोध-

R = R1 + R2 = 24Ω + 24Ω = 48Ω 

इसलिये, प्रवाहित विद्युत धारा I = V/R = 220/48 = 4.58A = 4.6A

(c) तीसरे प्रकरण में- जब कुंडलियों को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है तब कुल प्रतिरोध-

1/R = 1/R1 + 1/R2 = 1/24 + 1/24 = 2/24

R = 24/2 = 12Ω 

अतः प्रत्येक कुंडली से प्रवाहित धारा I = V/R = 220V/12Ω = 18.33A = 18.3A


प्रश्न 14. निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2 Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए।

(i) 6 V की बैटरी से संयोजित 1 Ω तथा 2 Ω श्रेणीक्रम संयोजन 

उत्तर: दिया है- बैटरी की वोल्टता (V) = 6V श्रेणीक्रम में 1 Ω तथा 2 Ω के संयोजन से प्राप्त कुल प्रतिरोध R = R1 +  R2 = 1 + 2 = 3 Ω

परिपथ में प्रवाहित धारा Is = V/R = 6/3 = 2A

चूंकि श्रेणीक्रम में संयोजित सभी प्रतिरोधों से समान विद्युत धारा प्रवाहित होती है|

इसलिये, 2Ω के प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्ति P1 = (I1)2R = (2)2x2 = 8W

(ii) 4V बैटरी से संयोजित 12 Ω तथा 2 Ω का पार्श्वक्रम संयोजन।

उत्तर: यहाँ V = 4V , R1 = 12Ω

तथा R2 = 2Ω है|

∴ पार्श्वक्रम में संयोजित अलग-अलग प्रतिरोधों से प्रवाहित धारा भिन्न-भिन्न परंतु सिरों के बीच विभवांतर समान रहता है|

इसलिये, 2Ω के प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्ति P2 = V2/R = (4V)2/2Ω = 8W

अतः दोनों दशाओं में 2Ω प्रतिरोधक समान विद्युत शक्ति उपभुक्त करेगा |


प्रश्न 15. दो विद्युत लैंप जिनमें से एक का अनुमतांक 100W, 220V तथा दूसरे का 60W, 220V है, विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220V है, तो विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती है?

उत्तर: अनुमतांक 100W ; 220V वाले लैंप द्वारा ली गई विद्युत धारा-

P1 = VI1

I1 = P1/V = 100/220 = 5/11 A

इसी प्रकार , अनुमतांक 60W ; 220V वाले विद्युत लैंप द्वारा ली गई विद्युत धारा का मान-

P2 = VI2

I2 = P2/V = 60/220 = 3/11 A

∴ विद्युत मेंस द्वारा ली गई कुल धारा

I = I1 + I2 = 5/11 + 3/11 = 8/11 A = 0.73A


प्रश्न 16. किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती हैं-250W का टी.वी. सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120w का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है?

उत्तर: दिया है— टी.वी. सेट की शक्ति (P1) = 250W

समय (t1) = 1 घंटा

∴ टी.वी. सेट द्वारा उपभुक्त ऊर्जा   E1 = P1 x t1 = 250 x 1 = 250 wh

इसी प्रकार , विद्युत हीटर के लिए -  P2 = 120W

समय (t2) = 10 मिनट = 10/60 घंटा

∴ विद्युत हीटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा   E2 = P2 x t2 = 120 x 10/60 = 20 wh

E1 > E2

∴ टीवी सेट द्वारा अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होगी |


प्रश्न 17. 8 Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस से 2 घंटे तक 15 A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।

उत्तर: हीटर का प्रतिरोध R = 8 Ω

हीटर द्वारा ली गई विद्युत धारा I = 15 A

समय (t) = 2 घंटे = (2 x 60 x 60) सेकंड = 7200 सेकंड

∴   हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर = H/t = I2Rt / t =  I2

= (15 A)2 x (8) = 255 x 8

= 1800 W


प्रश्न 18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए

(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर: विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र धातु टंगस्टन का उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह उच्च गलनांक (3380°C) की एक प्रबल धातु है, जो अत्यंत तप्त होकर प्रकाश उत्पन्न करते हैं, परंतु पिघलते नहीं।

(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्र धातुओं (मिश्रातुओं) के क्यों बनाए जाते हैं?

उत्तर: विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं (मिश्र धातुओं) के बनाए जाते हैं क्योंकि मिश्रातुओं धातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं की तुलना में अधिक होती है, तथा ताप वृद्धि के साथ इनकी प्रतिरोधकता में नगण्य परिवर्तन होता है। इसके साथ ही उच्च ताप पर मिश्रातुओं का उपचयन (ऑक्सीकरण) शीघ्र नहीं होता है।

(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?

उत्तर: घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग इसलिए नहीं किया जाता है क्योंकि विभिन्न उपकरणों (युक्तियों) के साथ अलग-अलग स्विच ऑन/ऑफ के लिए नहीं लगा सकते। एक उपकरण खराब होने पर दूसरा भी कार्य करना बंद कर देता है। श्रेणी क्रम संयोजन में सभी युक्तियों या उपकरणों से समान धारा प्रवाहित होती है, जिसकी हमें आवश्यकता नहीं है।परिपथ का कुल प्रतिरोध अधिक होने के कारण धारा का मान अत्यंत कम हो जाता है।

(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?

उत्तर: किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

R ∝ 1/A

अर्थात् जैसे-जैसे अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बढ़ेगा तार के प्रतिरोध का मान कम हो जाएगा।

(e) विद्युत संचरण के लिए प्राय: कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर: विद्युत संचरण के लिए प्राय: कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग करते हैं क्योंकि,ये विद्युत के बहुत अच्छे चालक हैं।इनकी प्रतिरोधकता बहुत कम है, जिसके कारण तार जल्द गर्म नहीं होते हैं।इनसे सुगमतापूर्वक तार बनाए जा सकते हैं।