अध्याय में दिए गए प्रश्न
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प्रश्न 1.चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?
उत्तर चुम्बक के निकट लाने पर, चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण दिक्सूचक सुई पर एक बल-युग्म लगता है जो सुई को विक्षेपित कर देता है।
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प्रश्न 1. किसी छड़ चुम्बक के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ खींचिए।
प्रश्न 2 . चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों की सूची बनाइए ।
उत्तर : चुम्बकीय बल रेखाओं के गुण- चुम्बकीय बल रेखाओं के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-
(1) चुम्बक के बाहर इन बल-रेखाओ की दिशा उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर तथा चुम्बक के अन्दर दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होती है। इस प्रकार ये बन्द वक्र के रूप में होती हैं।
(2) चुम्बकीय बल रेखा के किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।
(3) चुम्बकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती, क्योंकि एक बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दो दिशाएं सम्भव नहीं हैं।
(4) किसी स्थान पर चुम्बकीय बल रेखाओं की सघनता उस स्थान पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता के होती हैं।
(5) एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की चुम्बकीय बल रेखाएं, परस्पर समान्तर एवं बराबर-बराबर दूरियों पर होती हैं।
प्रश्न 3 . दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं?
उत्तर : यदि दो चुम्बकीय बल रेखाएँ परस्पर काटेगी तो उस बिंदु पर दिक्सूचक को रखने पर उसकी सूई दो दिशाओं की ओर संकेत करेगी। इससे यह प्रदर्शित होगा कि उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दो दिशाएँ हैं जो कि असम्भव है।
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प्रश्न 1 . मेज के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचार कीजिए। मान लीजिए इस पाश में दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करके पाश के भीतर तथा बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिए।
उत्तर : दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम के अनुसार यदि चालक तार पर अँगूठा विद्युत धारा की दिशा की ओर संकेत करता है, जबकि अँगुलियाँ चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा को प्रदर्शित करती हैं । अतः वृत्ताकार पाश (लूप) के अंदर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा कागज़ के तल (मेज़ के तल) के लंबवत् अंदर की ओर होगी तथा पाश के बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा पाश (मेज़) के तल के लबंवत् ऊपर की ओर होगी।
प्रश्न 2. किसी दिए गए क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एक समान हैं। इसे निरूपित करने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर :एक समान चुंबकीय क्षेत्र परस्पर समान्तर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 3. सही विकल्प चुनिए
किसी विद्युत धारावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र-
(a) शून्य होता है।
(b) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है।
(c) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।
(d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।
उत्तर :(d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।
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प्रश्न 1.किसी प्रोटॉन का निम्नलिखित में से कौन-सा गुण किसी चुंबकीय क्षेत्र में मुक्त गति करते समय परिवर्तित हो जाता है? (यहाँ एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।)
(a) द्रव्यमान
(b) चाल
(c) वेग
(d) संवेग
उत्तर
(c) वेग तथा (d) संवेग
प्रश्न 2.क्रियाकलाप 13.7 में हमारे विचार से छड़ AB का विस्थापन किस प्रकार प्रभावित होगा यदि -
(i) छड़ AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए।
(ii) अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए और
(iii) छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए?
उत्तर :(i) छड़ का विस्थापन बढ़ जाएगा; क्योंकि इस पर कार्यरत बल प्रवाहित विद्युत धारा के अनुक्रमानुपाती होता है।
(ii) छड़ का विस्थापन बढ़ जाएगा; क्योंकि इस पर कार्यरत बल चुम्बकीय क्षेत्र के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iii) छड़ का विस्थापन बढ़ जाएगा; क्योंकि इस पर कार्यरत बल छड़ की लम्बाई के अनुक्रमानुपाती होता है।
अतः प्रत्येक स्थिति में छड़ AB का विस्थापन बढ़ेगा।
प्रश्न 10. पश्चिम की ओर प्रक्षेपित कोई धनावेशित कण (ऐल्फा कण) किसी चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा की ओर विक्षेपित हो जाता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
(a) दक्षिण की ओर (b) पूर्व की ओर (c) अधोमुखी (d) उपरिमुखी।
उत्तर : (d) उपरिमुखी।
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प्रश्न 1. फ्लेमिंग का वामहस्त नियम लिखिए।
प्रश्न 2. विद्युत मोटर का क्या सिद्धांत है?
उत्तर : जब एक धारावाही कुण्डली को किसी चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो उस कुण्डली पर एक यांत्रिक बलयुग्म कार्य करने लगता है। है, जो कुण्डली को उसकी अक्ष पर घुमाने का प्रयास करता है। यदि कुण्डली अपनी अक्ष पर घूमने के लिए स्वतन्त्र हो तो वह घूमने लगती है।
प्रश्न 3.विद्युत मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है?
उत्तर : विद्युत मोटर में विभक्त वलय दिक्परिवर्तक का कार्य करता है। यह एक ऐसी युक्ति है जो धारा के प्रवाह की दिशा उत्क्रमित कर देती है। जब कुण्डली आधा चक्कर पूर्ण कर लेती है तो विभक्त वलयों का ब्रुशों से सम्पर्क समाप्त हो जाता है और विपरीत ब्रुशों से सम्पर्क जाता है। इसके फलस्वरूप कुण्डली में धारा की दिशा सदैव इस प्रकार बनी रहती है कि कुण्डली एक ही दिशा में घूमती रहे।
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प्रश्न 1. किसी कुण्डली में विद्युत धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : किसी कुंडली में विद्युत धारा प्रेरित करने के विभिन्न ढंग निम्नलिखित हैं-
- किसी स्थिर कुंडली के पास या उससे दूर चुंबक ले जाकर।
- कुंडली को किसी स्थिर चुंबक के पास या उससे दूर ले जाकर।
- एक कुंडली के समीप रखी किसी दूसरी कुंडली में प्रवाहित विद्युत धारा में परिवर्तन करके पहली कुंडली में धारा प्रेरित की जा सकती है।
- कुंडली के फेरों की संख्या में वृद्धि करके
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प्रश्न 1. विद्युत जनित्र का सिद्धांत लिखिए।
उत्तर : विद्युत जनित्र का सिद्धान्त-जब किसी बन्द कुण्डली को किसी शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र में तेजी से घुमाया जाता है तो उसमें से होकर गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स में लगातार परिवर्तन होता रहता है, जिसके कारण कुण्डली में एक विद्युत धारा प्रेरित हो जाती है।
प्रश्न 2 . दिष्ट धारा के कुछ स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर : (1) विद्युत सेल या बैटरी तथा (2) दिष्ट धारा जनित्र
प्रश्न 3.प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करने वाले स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर : प्रत्यावर्ती विद्युत धारा उत्पन्न करने वाले स्रोत हैं-प्रत्यावर्ती विद्युत धारा जनित्र (ac जनित्र) तथा बैट्री आधारित उत्क्रमक (इनवर्टर)।
प्रश्न 4. सही विकल्प का चयन कीजिए-
ताँबे के तार की एक आयताकार कुंडली किसी चुंबकीय क्षेत्र में घूर्णी गति कर रही है। इस कुंडली में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा में कितने परिभ्रमण के पश्चात् परिवर्तन होता है?
(a) दो।
(b) एक
(c) आधे
(d) चौथाई
उत्तर
(c) आधे
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प्रश्न 1. विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम लिखिए।
उत्तर : विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यत: उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपाय निम्न हैं-
- विद्युत फ्यूज़
- भू-सम्पर्क तार (earthing wire) का उपयोग
प्रश्न 2. 2kW शक्ति अनुमतांक की विद्युत तंदूर किसी घरेलू विद्युत परिपथ (220V) में प्रचालित किया जाता है, जिसका विद्युत अनुमतांक 5A है। इससे आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर दिया है-
भट्टी की शक्ति P = 2kW = 2000 W
V = 220V
∵ P= V X I
∴ I = P/ V
I=2000 / 220
= 9.09A
अर्थात् विद्युत भट्टी लाइन से 9.09A की धारा लेगी जो कि फ्यूज की क्षमता से अधिक है; अत: फ्यूज का तार गर्म हो जाएगा तथा अतिभारण (overloading) के कारण फ्यूज का तार पिघल जाएगा ।
प्रश्न 3. घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर :घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए हमें निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए-उचित धारा अनुमतांक वाले पृथक-पृथक फ्यूज़ लगवाने चाहिए।उत्तम गुणवत्ता वाले तार का उपयोग करना चाहिए।
अभ्यास में दिए गए प्रश्न