अध्याय में दिए गए प्रश्न
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प्रश्न 1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आपतित होने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के पश्चात, मुख्य अक्ष के जिस बिंदु से होकर गुजरती हैं वह बिंदु अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है ।
प्रश्न 2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेंटीमीटर है इसकी फोकस दूरी क्या होगी ?
उत्तर: दिया है -
वक्रता त्रिज्या R= 20 cm.
फोकस दूरी f= ?
∵ f = R/2
ஃ f= 20/2
f= 10 cm
प्रश्न 3.उस दर्पण का नाम बताइए जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके ।
उत्तर:अवतल दर्पण बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है।
प्रश्न 4.हम वाहनों में उत्तल दर्पण के को पश्च दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर: उत्तल दर्पण सदैव वस्तु का सीधा प्रतिबिंब बनाता है यह वस्तु का अपेक्षाकृत छोटा प्रतिबिंब बनाता है जिससे इसका दृश्य क्षेत्र बढ़ जाता है, और चालक लगभग संपूर्ण क्षेत्र को देख पाता है ,इसलिए वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च दृश्य दर्पण के रूप में बता देते हैं ।
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प्रश्न 1.उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32cm है।
उत्तर: दिया है -
वक्रता त्रिज्या R= 32 cm.
फोकस दूरी f= ?
∵ f = R/2
ஃ f= 32/2
f= 16 cm
प्रश्न 2. कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है?
उत्तर: दिया है -
वस्तु की अवतल दर्पण से दूरी u =- 10 cm
प्रतिबिम्ब की लम्बाई hⁱ = 3 x वस्तु की लम्बाई h⁰
∵ प्रतिबिम्ब वास्तविक है: अतः आवर्धन ऋणात्मक होगा
आवर्धन m =hⁱ / h⁰ = -3
∵ दर्पण के लिए m =- v/u = -3
ஃ v=3u = 3x (- 10cm) = -30cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 30 cm की दूरी पर बनेगा।
पेज नंबर 194
प्रश्न 1 . वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों?
उत्तर: प्रकाश की किरणें विरल से सघन माध्यम में प्रवेश करने पर अभिलंब की ओरझुकती हैं ।प्रकाश की किरण जब वायु से जल में गमन करती है तो यह अभिलंब की ओर झुकेगी, क्योंकि जल, वायु की तुलना में सघन माध्यम है।
प्रश्न 2 . प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 x 108 m/s है।
उत्तर: दिया है - काँच का अपवर्तनांक = 1.50 निर्वात में प्रकाश की चाल = 3 x 108 m/s
कांच में प्रकाश की चाल = ?
∵ अपवर्तनांक n = प्रथम माध्यम (निर्वात) में प्रकाश की चाल (c)/ दूसरे माध्यम (काँच) में प्रकाश की चाल (v )
ஃ (काँच) में प्रकाश की चाल (v )= प्रथम माध्यम (निर्वात) में प्रकाश की चाल (c) / अपवर्तनांक n
(काँच) में प्रकाश की चाल (v ) = 3 x 108 /1.50
= 2.0 x 108 m/s
प्रश्न 3 .सारणी 10.3 से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर: सारणी 10-3 में हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक तथा वायु का अपवर्तनांक कम है। अतः हीरे का प्रकाशिक घनत्व अधिकतम तथा वायु का प्रकाशिक घनत्व न्यूनतम है। प्रात 4 . आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी 10.3 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए। उत्तर: सारणी 10-3 में दिया है-
किरोसीन का अपवर्तनांक= 1.44 जल का अपवर्तनांक = 1.33
तारपीन के तेल का अपवर्तनांक= 1.47 ∵ जल का अपवर्तनांक उपर्युक्त तीनों में सबसे कम है; अतः जल में प्रकाश की चाल सबसे अधिक होगी।
प्रश्न 5. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है, इस कथन से अभिप्राय यह है कि हीरे में प्रकाश की चाल निर्वात में प्रकाश की चाल की 1/ 2.42 गुनी होगी। पेज नंबर 203
प्रश्न 1. किसी लेन्स की 1 डायोप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर : 1 डायोप्टर उस लेन्स की क्षमता है जिसकी फोकस दूरी 1m या 100cm हो । प्रश्न 2 . कोई उत्तल लेन्स किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिम्ब उस लेन्स से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लेन्स के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिम्ब उसी साइज का बन रहा है। जिस साइज का बिम्ब है? लेन्स की क्षमता भी ज्ञात कीजिए। उत्तर : दिया है-
∵ उत्तल लेंस द्वारा सुई का वास्तविक ,उल्टा तथा सुई की साइज़ का प्रतिबिंब लेंस से 50cm दूर बनता है।
ஃ सुई उत्तल लेन्स के सामने उससे 50 cm दूरी पर रखी है।
लेंस सूत्र द्वारा,
1/f = 1/v - 1/u
1/f = 1/50- 1/(-50)
1/f = 2/50
f = 50/2
f= 25 cm or 0.25 m
लेंस की क्षमता P= 1/f
P= 1/0.25
ஃ लेंस की क्षमता P = + 4 D
प्रश्न 3. 2m फोकस दूरी वाले किसी अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।
उत्तर : दिया है-
अवतल लेंस की फोकस दूरी f = -2m
लेंस की क्षमता P= 1/f
P= 1/(-2m)
ஃ लेंस की क्षमता P = -0.5 D
अभ्यास में दिए गए प्रश्न
प्रश्न 1. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी
उत्तर: (d) मिट्टी।
प्रश्न 2. किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच
(b) वक्रता केंद्र पर
(c) वक्रता केंद्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर: (d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
प्रश्न 3. किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज़ का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनंत पर ।
(d) लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर: (b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।
प्रश्न 4. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ -15cm हैं। दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं-
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल
उत्तर: (a) दोनों अवतल।
प्रश्न 5. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवतः दर्पण है-
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल ।
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर: (d) या तो समतल अथवा उत्तल।
प्रश्न 6. किसी शब्दकोश में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसंद करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर: (c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।
प्रश्न 7. 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं। बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर: अवतल दर्पण से वास्तु का सीधा प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए वस्तु को दर्पण के ध्रुव P तथा मुख्य फोकस F के बीच रखना होगा । अतः वस्तु की दर्पण से दूरी का परिसर 0 cm से 15 cm के बीच होना चाहिए,
किरण आरेख-
प्रतिबिंब की प्रकृति- आभासी ,सीधा, प्रतिबिंब का साइज़ वस्तु से बड़ा है।
प्रश्न 8. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए-
अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/ पश्च दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्टी
उत्तर: (a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट) -कार की हैडलाइटों में अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है। बल्ब दर्पण के मुख्य फोकस पर रख दिया जाता है ताकि प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद उसके मुख्य अक्ष के समांतर हो जाएँ तथा प्रकाश का सीधा और शक्तिशाली किरण पुंज मिले।
(b) किसी वाहन का पार्श्व/ पश्च दृश्य दर्पण
उत्तर: किसी वाहन के पार्श्व/ पश्च-दृश्य दर्पण के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये सदैव छोटा परंतु सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं। बाहर की ओर वक्री होने के कारण इनका दृष्टि क्षेत्र भी ज्यादा होता है, जिसके कारण ड्राइवर पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ होता है।
(c) सौर भट्टी
उत्तर: सौर भट्टी में सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करने के लिए बड़े अवतल दर्पणों का उपयोग किया जाता है। आपतित सूर्य की किरणें अनंत दूरी से आने वाली समांतर किरणें होती हैं जो अवतल दर्पण से परावर्तित होकर इसके फोकस बिंदु पर फोकसित होती हैं, जिससे ताप तेजी से 180°C-200°C तक बढ़ जाता है।
प्रश्न 9. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज़ से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: हाँ, किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज़ से ढक देने पर भी उत्तल लेंस दिए गए बिंब का पूरा प्रतिबिंब बनाता है।
प्रायोगिक विधि द्वारा जाँच- सर्वप्रथम एक उत्तल लेंस लेंगे तथा इसके आधे भाग को काले कागज़ से ढक लेंगे इसके बाद लेंस को किसी स्टैंड लगाते हैं । लेंस के एक तरफ़ जलती हुई मोमबत्ती तथा दूसरी तरफ़ एक सफेद पर्दारखेंगे ।
प्रेक्षण-
हम पाते हैं कि पर्दे पर मोमबत्ती का पूरा उल्टा प्रतिबिंब बनता है। अतः प्रतिबिंब की संरचना लेंस के आकार पर निर्भर नहीं करती है।
प्रतिबिंब की चमक अपेक्षाकृत कम हो जाती है, क्योंकि लेंस से गुजरने वाली प्रकाश की किरणों की संख्या कम हो जाती है।
प्रश्न 10. 5 cm लंबा कोई बिंब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर: किरण-आरेख-
दिया है -
f = +10 cm ( चूँकि लेंस अभिसारी (उत्तल लेंस ) है )
u = -25 cm
h⁰ = 5 cm
लेंस सूत्र द्वारा,
1/f = 1/v - 1/u
1/v = 1/f + 1/u
1/v = 1/10 + 1/(-25) = (5 - 2)/50 = 3/50
v = 50/3 = 16.67 cm
प्रतिबिम्ब की स्थिति लेंस की दूसरी ओर 16.67 सेंटीमीटर पर होगी
प्रतिबिम्ब की साइज़-
m = v/u = h’/h⁰
(50/3)/(-25) = h’/5
-2/3 = h’/5
h’ = -10/3 = -3.33 cm
प्रतिबिंब का साइज़ छोटा है। प्रतिबिंब की प्रकृति- वास्तविक तथा उल्टा।
प्रश्न 11. 15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिंब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।
उत्तर:
दिया है -
लेंस की फोकस दूरी f = -15 cm,
∵ अवतल लेंस द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी होता है-
प्रतिबिंब की लेंस से दूरी v = -10 cm
लेंस सूत्र द्वारा,
1/v - 1/u = 1/f
1/(-10) - 1/u = 1/(-15)
1/(-10) + 1/15 = 1/u
1/u = 1/15 - 1/10 = (2 - 3)/30
1/u = -1/30
u = -30 cm
अत: बिम्ब (वस्तु) लेंस के सामने 30 सेमी की दूरी पर स्थित है,
प्रश्न 12. 15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण में कोई बिंब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर: दिया है -
उत्तल दर्पण की फोकस दूरी f = +15 cm (उत्तल दर्पण की फोकस दूरी धनात्मक होती है )
बिंब की दर्पण से दूरी u = -10 cm
अत दर्पण सूत्र,
1/f = 1/v + 1/u
1/15 = 1/v + 1/(-10)
1/15 + 1/10 = 1/v
1/v = (2 + 3)/30 = 5/30
v = 30/5 = +6 cm.
अतः प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 6 cm की दूरी पर बनेगा तथा यह एक आभासी तथा सीधा प्रतिबिंब होगा।
प्रश्न 13. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है। इसका क्या अर्थ हैं?
उत्तर: आवर्धन का धनात्मक (+) चिह्न का अर्थ यह है कि प्रतिबिंब आभासी है। प्रतिबिंब का आकार बिंब के आकार के समान है और बिंब से समान दूरी पर प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बना है |
प्रश्न 14. 5.0 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज़ ज्ञात कीजिए।
उत्तर: दिया है -
बिम्ब की लंबाई h⁰ = 5.0 cm
उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = + 30 cm
ஃ दर्पण की फोकस दूरी f= R/2
f = 30/2 = +15 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी u = 20 cm
m = v/u = h’/h⁰
दर्पण सूत्र द्वारा,
1/v + 1/u = 1/f
1/v + 1/(-20) = 1/15
1/v = 1/15 + 1/20
1/v = 7/60
v = 60/7 cm = 8.6 cm
अतः प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा और दर्पण के पीछे 8.6 cm की दूरी पर बनता है।
∵ m = -v/u = h’/h⁰
∴ h’ = - h⁰x(v/u)
= -5 (60/7)/(-20)
=5 x 60/ 20 X7
∴ h’ = 15/7 = 2.2 cm
अतः प्रतिबिंब, बिंब से छोटे साइज़ का है।
प्रश्न 15. 7.0 cm साइज़ का कोई बिंब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिंब का साइज़ तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
वस्तु का आकार h⁰ = +7 cm
अवतल दर्पण की फोकस दूरी f = -18 cm
वस्तु की दर्पण से दूरी u = -27 cm
दर्पण सूत्र द्वारा -
1/v + 1/u = 1/f
∴ 1/v + 1/(-27) = 1/(-18)
1/v = -1/18 + 1/27 = (-3+ 2)/54 = -1/54
v = -54 cm
∴परदे को दर्पण के सामने 54 cmकी दूरी पर रखना होगा।
∵ m = -v/u = h’/h⁰
∴ h’ = - h⁰x(v/u)
=-7 x (-54)/(-27)
h’ = -14 cm
प्रतिबिंब का साइज़ 14 cm है जो बिंब से आवर्धित (बड़ा) है। प्रतिबिंब वास्तविक तथा उल्टा है।
प्रश्न 16. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता -2.0D है। यह किस प्रकार का लेंस है?
उत्तर: दिया है
P = -2.0 D
∵लेंस की क्षमता P = 1/f
∴ f = 1/P = 1/-2.0
= -0.5 m
∵ चूँकि लेंस की फोकस दूरी के ऋणात्मक है अत: यह एकअवतल लेंस है।
प्रश्न 17. कोई डॉक्टर + 1.5D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी?
उत्तर: दिया है
लेंस की क्षमता P = +1.5D,
∵लेंस की क्षमता P = 1/f
∴ लेंस की फोकस दूरी f = 1/P
= 1/+1.5 = +0.67 m
∵ लेंस की की फोकस दूरी के मान धनात्मक हैं अत: यह एक उत्तल लेंस (अभिसारी) लेंस है।