अध्याय में दिए गए प्रश्न
पेज नंबर -132
प्रतिवर्ती क्रिया | टहलना |
यह अनैच्छिक क्रिया है। | यह ऐच्छिक क्रिया है। |
यह मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है। | यह मस्तिष्क द्वारा नियत्रित होता है। |
इसमें सोचने समझने की आवश्यतकता नहीं होती है। | यह सोचने समझने के बाद संपन्न होती है। |
यह अत्यंत तेज गति से सम्पन्न होने वाली क्रिया है। | इसमें अधिक समय लगता है। |
प्रश्न 2. दो तन्त्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
उत्तर: दो तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य रिक्त स्थान होते हैं, जिसे अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) कहते हैं।तंत्रिका कोशिका में उत्पन्न विद्युत आवेग तंत्रिकांक्ष (एकसॉन) से अंतिम सिरे तक पहुँचते हैं । जहाँ से विद्युत आवेग न्युरोहॉर्मोन के रूप में रिक्त स्थान (सिनेप्स) को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका तक पहुँचते हैं।
प्रश्न 3. मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा सन्तुलन का अनुरक्षण करता है? उत्तर: अनुमस्तिष्क (cerebellum) हमारे शरीर की स्थिति तथा सन्तुलन का अनुरक्षण करता है।
प्रश्न 4. हम एक अगरबत्ती की गन्ध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर : हम अगरबत्ती की गन्ध का पता नासिका में स्थित घ्राण संवेदांगों (olfactory receptors) द्वारा लगते हैं। घ्राण संवेदांगों से उद्दीपनों को संवेदी तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा मस्तिष्क के अग्रमस्तिष्क (fore brain) तक पहुंचा दिया जाता है जिससे हम अगरबत्ती की गन्ध का पता लगते हैं।
प्रश्न 5. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर: प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु द्वारा संचालित एवं नियंत्रित होती हैं। सिर, गर्दन और धड़ की प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियन्त्रण मध्यमस्तिष्क करता है। जैसे नेत्र पेशियों (eye muscles); आइरिस पेशियों के संकुचन शिथिलन, नेत्र लेन्स की फोकस दूरी परिवर्तन आदि क्रियाओं का नियंत्रण। पश्चमस्तिष्क का मस्तिष्क पुच्छ (medulla oblongata) छींकना , लार स्रावण ,हृदय स्पन्दन, श्वास दर, रक्तदाब आदि क्रियाओं का नियन्त्रण करता है।
पेज नंबर -136
प्रश्न 1 . पादप हॉर्मोन्स क्या हैं?
उत्तर: पादप हॉर्मोन्स (Plant Hormones) -पादपों में उपस्थित वे रासायनिक पदार्थ जो पादपों की वृधि, विकास एवं पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते हैं पादप हॉर्मोन कह लाते हैं। जैसे ऑक्सिन, जिबरेलिन, साइटोकाइनिन्स, ऐक्सिसिक अम्ल, एथिलीन आदि प्रमुख पादप हॉर्मोन्स समूह है।
प्रश्न 2 . छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर: छुई-मुई पादप की पत्तियों को छूने पर पत्तियां बंद हो जाती हैं। इसे कम्पनाकुंचन (semimonastic) गति कहते हैं।इन गतियों में उद्दीपन की दिशा और अनुकुंचन गति की दिशा में कोई निश्चित सम्बन्ध नहीं होता। उद्दीपन किसी भी (tropic) दिशा में हो गति एक निश्चित दिशा में ही होती है। ये गतियाँ अस्थायी होती हैं । जबकि प्रकाश के कारण तने के शीर्ष भाग का प्रकाश की ओर मुड़ना प्रकाशानुवर्तन (phototropism) कह लता है । इसे अनुवर्तनी गतिmovements) कहते हैं। इन गतियों में उद्दीपन तथा गति की दिशा में निश्चित सम्बन्ध होता है। ये गतियाँ स्थायी होती हैं। ये पादप हॉर्मोन्स द्वारा नियन्त्रित होती है।
प्रश्न 3 . एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर : ऑक्सिन (auxin) एक पादप हॉर्मोन है जो वृद्धि को बढ़ाता है।
प्रश्न 4 . किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर : प्रतान में स्पर्शानुवर्तन (thigmotropism) वृद्धि गति होती है। ये वृद्धि गति स्पर्श के उद्दीपन के कारण होती हैं। प्रतान के किसी आधार (support) के सम्पर्क में आने पर ऑक्सिन आधार से दूर वाले भाग में स्थानान्तरित होने लगते हैं। ऑक्सिन को कमी के कारण आधार के सम्पर्क वाले भाग में वृद्धि दर कम हो जाती है और दूर वाले भाग में ऑक्सिन की अधिकता के कारण वृद्धि दर बढ़ जाती है। इस कारण प्रतान आधार के चारों ओर लिपट जाता है
प्रश्न 3. जब एड्रीनलीन रुधिर में स्त्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर जंतु शरीर को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं।
प्रश्न 14. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन के इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर :इंसुलिन की कमी से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, इससे मधुमेह (diabetes) रोग हो जाता है कोशिकाएँ रक्त शर्करा का उपयोग नहीं कर पातीं। ऊर्जा उत्पादन के लिए कोशिकाएँ वसा तथा प्रोटीन्स का उपयोग करने लगती हैं, इससे विषाक्त कीटोनकाय बनते हैं। इसकी अधिकता के कारण मृत्यु भी हो जाती है। इसलिए मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन के इंजेक्शन देकर की जाती है।
अभ्यास में दिए गए प्रश्न
प्रश्न 1 निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हार्मोन है?
(a) इंसुलिन (b) थायरॉक्सिन (C) एस्ट्रोजन (d) साइटोकाइनिन
उत्तर: (d) साइटोकाइनिन।
प्रश्न 2. दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं-
(a) द्रुमिका (b) सिनेप्स (C) एक्सॉन (d) आवेग
(a) सोचने के लिए (b) हृदय स्पंदन के लिए
(C) शरीर का संतुलन बनाने के लिए (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: ग्राही(Receptors) प्रायः हमारी ज्ञानेन्द्रियों में स्थित होते हैं , ग्राही(Receptors) शरीर के बाहर और भीतरी वातावरण में होने वाले परिवर्तनों की सूचनाएँ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (मेरुरज्जु तथा मस्तिष्क) में पहुँचाती हैं। जैसे घ्राणग्राही (Olfactory receptors) गन्ध के लिए , स्वादग्राही (Gustatory receptor ) स्वाद के लिए विशिष्टीकृत होते हैं। यदि कोई ग्राही उचित प्रकार का कार्य नहीं करेगी तो उस ग्राही द्वारा एकत्र की गई सूचना मस्तिष्क तक नहीं पहुँचेगी।इसके अभाव में कभी भी परिस्थितियाँ विकराल रूप धारण कर सकती है ।उदाहरण- गर्म वस्तु को छूने पर यदि ऊष्मा (ताप) या दर्द के उद्दीपन ग्राही द्वारा केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र तक प्रेषित नहीं किया जाएगा तो व्यक्ति का हाथ जल जाएगा, जिह्वा द्वारा मीठा, नमकीन आदि स्वाद का पता लगाना संभव नहीं हो पाएगा।
उत्तर: तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्य- तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) पूरे शरीर में एक संगठित जाल बनती है , जो सूचनाओं को विद्युत आवेग के द्वारा शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक संवहन करता है।सूचना या उद्दीपन एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमिका के सिरे द्वारा प्राप्त की जाती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाकाय तक जाता है तथा तंत्रिकाक्ष (एक्सॉन) में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुँचता है।एक्सॉन के अंत में विद्युत आवेग कुछ रसायनों का विमोचन करता है। ये रसायन रिक्त स्थान या सिनेप्स को पार करते हैं। और अगली तंत्रिका कोशिका की दुमिका में इसी तरह का विद्युत आवेग प्रारंभ करते हैं।इसी तरह का एक सिनेप्स अंतत: ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिका से अन्य कोशिकाओं, जैसे कि पेशी कोशिकाओं या ग्रंथि तक ले जाते हैं।
प्रश्न 6 . पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?
उत्तर: पादपों में प्ररोह प्रकाश की ओर मुड़कर तथा जड़े इससे दूर मुड़कर अनुक्रिया करती हैं, जिसे प्रकाशानुवर्तन कहा जाता है। प्रकाश जब पादप पर एक ओर से प्रकाश पड़ता है, तो वृद्धि हार्मोन ऑक्सिन छाया वाले भाग में आ जाता है। जिससे पौधे का तने वाला भाग तथा पत्तियाँ प्रकाश की ओर मुड़ जाती हैं।
उत्तर:प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु के द्वारा नियंत्रित होती है। अत: मेरुरज्जु आघात में प्रतिवर्ती क्रिया नहीं होगी। ज्ञानेंद्रियों से आने वाली सूचना (आवेग) मस्तिष्क तक नहीं पहुँचेगी। मस्तिष्क से सूचना या उद्दीपन शरीर के विभिन्न अंगों तक नहीं पहुँचेगी।
प्रश्न 8 . पादपों में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर: पादपों में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोन द्वारा होते हैं। पादप हॉर्मोन तने तथा जड़ की शीर्ष कोशिकाओं द्वारा संश्लेषित होकर पौधे के अन्य भागों में विसरित हो जाते हैं। पादप हॉर्मोन पौधों की वृद्धि, विकास एवं पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता प्रदान करते हैं। इनके संश्लेषण का स्थान इनके क्रिया क्षेत्र से दूर होता है और वे साधारण विसरण द्वारा क्रिया क्षेत्र तक पहुँच जाते हैं।
उदाहरण के लिए-ऑक्सिन कोशिकाओं को वृद्धि के लिए उद्दीप्त करता है। जिबरेलिन तने की लम्बाई में वृद्धि में सहायता करते है, साइटोकाइनिन कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है, एब्सिसिक अम्ल वृद्धि का संदमन करते है, एथिलीन गैस रूप में पाया जाने वाला एकमात्र पादप हार्मोन है , यह फलों को पकाने में सहायक होता है।
प्रश्न 9 . एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय के तंत्र की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
अनैच्छिक क्रियाएँ | प्रतिवर्ती क्रियाएँ |
वे क्रियाएँ जो हमारी इच्छा पर निर्भर नहीं होती हैं उन्हें अनैच्छिक क्रियाएँ कहते हैं। | किसी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया जिसमें मस्तिष्क सम्बद्ध नहीं होता है उसे प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं। |
अनैच्छिक क्रियाएँ मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती हैं। | प्रतिवर्ती क्रिया मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित की जाती है। |
उदाहरण-रक्तदाब, हृदय स्पन्दन दर, श्वासदर आदि। | उदाहरण-गर्म वस्तु पर हाथ पड़ने से हाथ का हटना, पलक झपकना, छींकना आदि। |
प्रश्न 11. जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (contrast) कीजिए।
तंत्रिका नियंत्रण | हॉर्मोनल नियंत्रण |
यह तंत्रिकाओं द्वारा होता है। | यह हॉर्मोन द्वारा होता है। |
यह द्रुत गति से होता है , इसमें सूचना अति तीव्र गति से आगे बढ़ती है। | यह मंद गति से होता है , इसमें सूचना धीरे-धीरे गति करती है। |
तन्त्रिका कोशिकाएँ संवेदी अंगों से उद्दीपनों को ग्रहण करके मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक पहुँचाते हैं। ये उद्दीपन मस्तिष्क या मेरुरज्जु द्वारा अंगों तक विद्युत आवेगों के रूप में प्रेषित कर दिए जाते हैं। | अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित हॉर्मोन्स रक्त द्वारा लक्ष्य कोशिकाओं तक पहुँचते हैं। |
इसका प्रभाव कम समय तक रहता है। | इसका प्रभाव प्रायः देर तक रहता है। |
उत्तर: छुई-मुई पादप में अनुकुंचन (nastic) गति होती है। इस गति में उद्दीपन और गति की दिशा में कोई सम्बन्ध नहीं होता। इसमें उद्दीपन की दिशा निश्चित नहीं होती। उद्दीपन की तीव्रता गति को निर्धारित करती है।
हमारे पैरों को गति ऐच्छिक पेशियों के संकुचन और शिथिलन के कारण होती है। संवेदी तंत्रिका (Sensory nerves) उद्दीपनों को ग्रहण करके मस्तिष्क को पहुंचाती है। मस्तिष्क प्रेरणाओं के रूप में प्रतिक्रिया को चालक तन्त्रिकाओं (motor nerves) द्वारा ऐच्छिक पेशियों तक पहुंचाता है। जिससे हमारी टांगों में गति होती है।