अध्याय में दिए गए प्रश्न
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प्रश्न 1. CO₂ सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन विन्दु संरचना क्या होगी ?
उत्तर: CO₂ सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना-
₆C = 2, 4 ₈O = 2, 6
CO₂ |
प्रश्न 2. सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी [ संकेत-सल्फर के आठ परमाणु एक अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।
उत्तर : सल्फर अणु (S₈) की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना -
₁₆S= 2, 8, 6
सल्फर (S₈ ) के आठ परमाणुओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक संरचना |
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प्रश्न 1 . पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर : पेन्टेन (C₆H₁₂) के लिए हम तीन संरचनात्मक समावयवों को चित्रित कर सकते है।
प्रश्न 2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल दिखाई देती है? उत्तर: कार्बन के दो गुणधर्म जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या होती है, निम्न हैं
(i) श्रृंखलन (Catenation) – कार्बन में अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ आबन्ध बनाने की अद्वितीय क्षमता होती है, कार्बन परमाणुओं का यह विशिष्ट गुण 'श्रृंखलन' (Catenation) कहलाता है। अतः शृंखलन के कारण कार्बन यौगिकों की संख्या विशालतम होती है।
(ii) चतुःसंयोजकता (Tetravalency)- कार्बन की संयोजकता चार होती है; इसलिए यह चार अन्य कार्बन परमाणुओं अथवा किन्हीं एकलसंयोजी तत्वों के साथ आबन्ध बनाने की क्षमता रखता है।जिससे कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या का निर्माण होता है।
प्रश्न 3. साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होंगे?
उत्तर : साइक्लोपेन्टेन का सूत्र C₅H₁₀ है।
साइक्लोपेन्टेन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना |
प्रश्न 4. निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए
(i) एथेनोइक अम्ल (iii) ब्यूटेनोन
(ii) ब्रोमोपेन्टेन * (iv) हेक्सेनल
* क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं?
उत्तर:
(i) एथेनोइक अम्ल
(i) एथेनोइक अम्ल |
(ii) हाँ ब्रोमोपेन्टेन के निम्न संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं-
ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव |
(iii) ब्यूटेनोन
ब्यूटेनोन |
प्रश्न 5 . निम्नलिखित यौगिकों के नामकरण कैसे करेंगे ?
उत्तर:
(i) ब्रोमोएथेन
(ii) मेथेनैल
(iii) हेक्साइन
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प्रश्न 1 . एथेनॉल से एथेनोइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?
उत्तर : एथेनॉल से एथेनोइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहा जाता है क्योंकि एथेनोइक अम्ल एथेनॉल से ऑक्सीजन के संयोग द्वारा उत्पन्न होता है।।
प्रश्न 2 . ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बत सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता ?
उत्तर : वेल्डिंग के लिए ऊष्मा की अत्यधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है। यदि वायु तथा एथाइन के मिश्रण को जलाया जाए तो पूर्ण दहन हेतु ऑक्सीजन की उपलब्धता अपर्याप्त होती है जिससे ऊष्मा भी पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न नहीं होती है , परन्तु जब ऑक्साजन तथा एथाइन का मिश्रण जलाया जाता है तो पूर्ण दहन होता है जिससे वेल्डिंग के लिए ऊष्मा की अत्यधिक मात्रा उत्पन्न होती है इसलिए ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है।
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प्रश्न 1. प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अन्तर कर सकते हैं?
उत्तर :
1. लिटमस विलयन द्वारा परीक्षण - ऐल्कोहॉल में लिटमस विलयन मिलाने पर लिटमस विलयन के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता। जबकि कार्बोक्सिलिक अम्ल में लिटमस विलयन मिलाने पर विलयन लाल हो जाता है।
2. सोडियम बाइकार्बोनेट द्वारा परीक्षण - ऐल्कोहॉल में सोडियम बाइकार्बोनेट मिलाने पर तीव्र बुदबुदाहट नहीं होती है ,जबकि कार्बोक्सिलिक अम्ल में लिटमस विलयन मिलाने सोडियम बाइकार्बोनेट मिलाने पर कार्बनडाइऑक्साइड निकलने के कारण तीव्र बुदबुदाहट होती है।
प्रश्न 2 . ऑक्सीकारक क्या हैं?
उत्तर: वे रासायनिक पदार्थ जो स्वयं अपचयित होकर दूसरे को ऑक्सीकृत करते हैं, ऑक्सीकारक जैसे-KMnO₄ , K₂Cr₂O₇ ।
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प्रश्न 1. क्या आप डिटर्जेण्ट उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं?
उत्तर : नहीं। क्योंकि डिटर्जेण्ट दोनों प्रकार के जल के साथ झाग देता है।
प्रश्न 2 . लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर : मिसेल बनाने के लिए, साबुन लगे कपड़ों को हिलाना (agitate) या रगड़ना आवश्यक होता है। मिसेल कपड़ों से तेल तथा धूल के कणों को हटाने में सहायता प्रदान करता है , इसलिए सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं।
प्रश्न 1. एथेन का आणविक सूत्र- C₂H₆ है। इसमें-
(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं। (b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं। |
(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं। (d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं।
उत्तर: (b) 7 सहसंयोजक बंधन हैं।
प्रश्न 2. ब्यूटेनॉन चर्तु-कार्बन यौगिक है, जिसका प्रकार्यात्मक समूह-
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल (b) ऐल्डिहाइड
(c ) कीटोन (d) ऐल्कोहॉल
उत्तर: (C) कीटोन
प्रश्न 3. खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है, तो इसका मतलब है कि
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है। (b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(C) ईंधन आई है। (d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर: (b) ईधन पूरी तरह से जल रहा है।
प्रश्न 4. CH₃CI में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर:
CH₃CI में तीन एकल बंध कार्बन व हाइड्रोजन परमाणुओं के बीच जुड़े होते हैं और एक एकल बंध कार्बन व क्लोरीन के बीच होता है।इस तरह कार्बन का अष्टक पूर्ण हो जाता है तथा प्रत्येक हाइड्रोजन के बाहरी कक्ष में भी 2 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं तथा Cl का भी अष्टक पूर्ण हो जाता है।इस प्रकार CH₃CI में इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी द्वारा सहसंयोजक आबंध बनता है।
प्रश्न 5. इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाइए|
(a) एथेनॉइक अम्ल.
(b) H₂S
(C) प्रोपेनोन
(d) F₂
उत्तर:
(a) एथेनॉइक अम्ल.
प्रश्न 7. भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथनॉल एवं एथनॉइक अम्ल में आप कैसे अंतर करेंगे?
उत्तर:
भौतिक गुणों में अंतर
एथनॉल | एथेनॉइक अम्ल |
इसका क्वथनांक (Boiling Point) 351K है। | इसका क्वथनांक (Boiling Point) 391K है। |
इसमें एक विशिष्ट गंध (pleasant smell) होती है। | इसकी गंध तीक्ष्ण (Pungent smell) होती है। |
यह विद्युत का चालन नहीं करता है। | यह विद्युत का चालन करता है। |
रसायनिक गुणों में अंतर:
एथनॉल | एथेनॉइक अम्ल |
एथनॉल के साथ सोडियम कार्बोनेट और सोडियम बाइकार्बोनेट की अभिक्रिया नहीं होती है। | यह सोडियम कार्बोनेट और सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन मिलाने पर तीव्र बुदबुदाहट के साथ कार्बन डाइऑक्साइड गैस का निकलती है। |
यह उदासीन पदार्थ है इसलिए लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं होता । |
यह अम्लीय पदार्थ है इसलिए यह नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है। |
प्रश्न 8. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है।
उत्तर: साबुन के अणु में दो भाग होते हैं लंबी हाइड्रोकार्बन पूँछ वाला जल विरागी (Hydrophobic) तथा छोटा आयनिक सिरे वाला जलरागी सिरा (Hydrophilic) साबुन के अणु में साबुन का आयनिक भाग जल में घुल जाता है तथा जल के अंदर होता है, जबकि लंबी हाइड्रोकार्बन पूँछ जल के बाहर होती है। जल के अंदर इन अणुओं की एक विशेष व्यवस्था होती है, जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है। ऐसा अणुओं का बड़ा गुच्छा बनने के कारण होता है, जिसमें जलविरागी पूँछ गुच्छे के आंतरिक हिस्से में होती है जबकि उसका आयनिक सिरा गुच्छे की सतह पर होता है। इस प्रकार साबुन के अणु मिसेल का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 9. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर: कार्बन तथा उसके यौगिकों के दहन पर अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा प्राप्त होती है तथा उत्पन्न ऊष्मा को नियंत्रित ढंग से उपयोग किया जा सकता है। इसलिए अधिकतर अनुप्रयोगों के लिए कार्बन तथा इसके यौगिकों को ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर: कठोर जल में कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के सल्फेट तथा क्लोराइड के घुलनशील लवण होते हैं, जो साबुन से अभिक्रिया कर अघुलनशील पदार्थ (Scum) बनाती है। इसी अघुलनशील पदार्थ के कारण झाग आसानी से नहीं बनता है तथा साबुन अधिक मात्रा में उपयोग करना पड़ता है।
प्रश्न 11. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें, तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर: साबुन की प्रकृति क्षारीय होती है।अतः साबुन लाल लिटमस पत्र को नीला कर देगा, तथा नीले लिटमस पत्र पर इसका कोई प्रभाव नहीं पढ़ेगा।
प्रश्न 12. हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
उत्तर: असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में निकैल अथवा पैलेडियम जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति में हाइड्रोजन के योग से संतृप्त हाइड्रोकार्बन बनता है, जिसे हाइड्रोजनीकरण कहते हैं। औद्योगिक स्तर पर इस अभिक्रिया का प्रयोग वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण से वनस्पति घी बनाने में किया जाता है।
प्रश्न 13. दिए गए हाइड्रोकार्बन -C₂H₆ C₃H₈ , C₃H₆ C₂H₂ एवं CH₄ में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर: दिए गए हाइड्रोकार्बनों में से C₃H₆ तथा C₂H₂ के साथ संकलन (योग) अभिक्रिया होती है
प्रश्न 14. मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर: मक्खन एक संतृप्त हाइड्रोकार्बन है जबकि खाना बनाने वाला तेल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है।दो अलग-अलग परखनलियों में से एक में तेल तथा दूसरे में मक्खन लेंगे । दोनों परखनलियों में ब्रोमीन जल की कुछ बूंदें डालकर दोनों परखनलियों को धीरे-धीरे गर्म करने पर तेल वाली परखनली में ब्रोमीन जल का रंग उड़ जाता है।
प्रश्न 15. साबुन की सफ़ाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर: साबुन के अणु में दो भाग होते हैं लंबी हाइड्रोकार्बन पूँछ वाला जल विरागी (Hydrophobic) तथा छोटा आयनिक सिरे वाला जलरागी सिरा (Hydrophilic) ,जब पानी में साबुन घोला जाता है, तब जलरागी सिरा जल में घुलनशील तथा जल विरागी सिरा जल में अघुलनशील परंतु तैलीय मैल, वसा इत्यादि में घुलनशील होते हैं। जिससे साबुन के अणु इस प्रकार व्यवस्थित हो जाते हैं । इस संरचना को मिसेल कहते हैं। तैलीय मैल मिसेल के केन्द्र में एकत्र हो जाता है। मिसेल में तैरता हुआ मैल रगड़ कर आसानी से हटाया जा सकता है।