अध्याय में दिए गए प्रश्न
प्रश्न 1. आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर : उत्तर- (i) सर्वप्रथम लाल लिटमस पत्र को तीनों परखनलियों में डालकर जाँच आरम्भ करते हैं। जिस परखनली में लिटमस नीला पड़ जाएगा, वह क्षारीय विलयन है।
(ii) शेष दोनों विलयनों में अब हम क्षारीय विलयन द्वारा परिवर्तित नीले लिटमस पत्र को डालते हैं। जिस परखनली में यह पेपर पुनः लाल हो जाता है, उसमें अम्लीय विलयन है।
(iii) शेष परखनली का पदार्थ आसुत जल है।
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प्रश्न 1. पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए ?
उत्तर : दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल उपस्थित होते हैं जो ताँबे व पीतल की सतह से अभिक्रिया कर विषैले लवण उत्पन्न करते हैं, इसीलिए दही एवं खट्टे पदार्थ ताँबे व पीतल के बर्तनों में नहीं रखने चाहिए।
प्रश्न 3. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है?एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर : जब एक अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो सामान्यतया हाइड्रोज है।
उदाहरण जिंक के साथ सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस निकलती है।
उदाहरण-जिक पर सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
Zn(s) + H₂SO₄ (aq) → ZnSO₄+ H₂
हाइड्रोजन की उपस्थिति का परीक्षण -गैस के समीप जलती हुई मोमबत्ती लाने पर यदि गैस धमाके की आवाज के साथ जलती है तो यह हाइड्रोजन गैस है।
प्रश्न 4. एक धातु यौगिक 'A' तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए एक सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर: धातु यौगिक 'A' कैल्सियम कार्बोनिट होगा। उत्पन्न गैस कार्बन डाइऑक्साइड है।
CaCO₃ + 2HCI →CaCl₂+ H₂O + CO₂↑
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प्रश्न 1 . HCI, HNO₃, आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं जबकि ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर : HCI, HNO₃ आदि जलीय विलयनो में अम्लीय गुण प्रदर्शित करते हैं क्योंकि ये जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H⁺) उत्पन्न करते है। हाइड्रोजन आयन अम्लीय गुण के लिए उत्तरदायी होते हैं, जबकि ऐल्कॉहॉल तथा ग्लूकोज के जलीय विलयनों हाइड्रोजन आयन उत्पन्न नहीं करते। इसलिए ऐल्कॉहॉल तथा ग्लूकोज के जलीय विलयन अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं करते हैं।
प्रश्न 2 . अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
प्रश्न 3 . शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर : शुष्क HCl गैस H⁺ आयन उत्पन्न नहीं करती है , अम्लीय गुण के लिए H⁺ आयन उत्पन्न होना आवश्यकीय है । अतः H⁺ आयनों की अनुपस्थिति अर्थात् अम्लीय गुण की अनुपस्थिति के कारण शुष्क लिटमस पत्र का रंग परिवर्तित नहीं होता है।
प्रश्न 4 अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?
उत्तर : जब अम्ल में जल मिलाया जाता है तो उत्पन्न होने वाली ऊष्मा अत्यधिक होती है जिससे मिश्रण पात्र से बाहर भी आ सकता है तथा शरीर के किसी अंग पर गिरकर उसे हानि पहुँच सकता है। अतः अम्ल को तनुकृत करते समय यह अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाएं और मिश्रण को हिलाते रहें।
प्रश्न 5 . अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H₃O⁺ )की सान्द्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर : जब अम्ल के विलयन को तनुकृत करते हैं तो हाइड्रोनियम आयनों (H₃O⁺ ) की सान्द्रता घट जाती है।
प्रश्न 6 . जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) की सान्द्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर : जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में अधिक क्षारक मिलाते हैं तो विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH⁻) की सान्द्रता बढ़ जाती है।
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प्रश्न 1. आपके पास दो विलयन 'A' तथा 'B' हैं। विलयन 'A' के pH का मान 6 है एवं विलयन 'B' के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर: विलयन 'A' में हाइड्रोजन आयन सान्द्रता अधिक है। इसलिए विलयन 'A' (pH=6) अम्लीय है, तथा विलयन 'B' (pH= 8) क्षारीय है।
प्रश्न 3. क्या क्षारकीय विलयनों में भी H⁺ (aq) आयन होते हैं? अगर हाँ तो ये क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर: हाँ, क्षारकीय विलयनों में भी H⁺ (aq) आयन होते हैं लेकिन ये फिर भी क्षारकीय होते हैं क्योंकि इनमें हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH⁻) की सान्द्रता H⁺ (aq) आयनों से बहुत अधिक होती है।
प्रश्न 14. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनिट) का उपयोग करेगा?
उत्तर : यदि मिट्टी में अम्लों की मात्रा अधिक ही जाए तो किसान अपने खेत की मिट्टी में क्षारकीय पदार्थों जैसे शुष्क चूना (कैल्सियम ऑक्साइड, CaO) या बुझे चुने (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड Ca(OH)₂ या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट, CaCO₃) के साथ तब उपयोग करेगा।
प्रश्न 1 . CaOCl₂ यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर : विरंजक चूर्ण (Bleaching powder)।
प्रश्न 2 . उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है?
उत्तर: शुष्क बुझा चूना Ca(OH)₂
प्रश्न 3 . कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
उत्तर : सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃)
प्रश्न 4 . सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनिट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर : सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट को गर्म करने पर यह सोडियम कार्बोनेट में बदल जाता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्राप्त होती है।
2NaHCO₃ → Na₂CO₃ + H₂O + CO₂↑
प्रश्न 5 . प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर : CaSO.½ +1 ½H ₂0 → CaSO₄. 2H₂O
अभ्यास में दिए गए प्रश्न
प्र 1. कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है , इसका
pH संभवतः क्या होगा?
a 1
b 4
c 5
d 10
उत्तर: 10
प्र 2. कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
a NaCl
b HCI
c LiCl
d KCl
उत्तर: HCI
प्र 3. NaOH का 10 ml विलयन , HCl के 8 ml विलयन से पूर्णत: उदासीन हो जाता है । यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCl के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी ?
a 4 ml
b 8 ml
c 12 ml
d 16 ml
उत्तर : 16 ml
प्र 4. अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है ?
a एंटीबायोटिक ( प्रतिजैविक )
b ऐनालजेसिक (पीड़ाहरी)
c ऐन्टैसिड
d एंटीसेप्टिक ( प्रतिरोधी)
उत्तर : ऐन्टेसिड
प्र 5. निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द - समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए :
a तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है ।
उत्तर: जिंक + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
Zn(s) +H₂SO₄(aq)→ZnSO₄(aq)+H₂(g)↑
b तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है ।
उत्तर: मैग्नीशियम+तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Mg(s) + 2HCI (aq)→ MgCl₂(aq) + H₂(g)↑
c तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है ।
उत्तर: ऐलुमिनियम + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
2Al (s) + 3H₂SO₄(aq) → A₂(SO₄)₃(aq) + 3H₂(g)↑
d तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर :आयरन + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (तनु)→ आयरन क्लोराइड +हाइड्रोजन (g)
Fe (s) + 3HCl(aq) → FeCl₂(aq) + H₂↑
प्र6. ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है । एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए।
उत्तर: एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कार्क को 100 ml के बीकर में रख देते हैं , दोनों कीलों को 6 वोल्ट की एक बैट्री के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ देते हैं । अब बीकर में बारी-बारी से ग्लूकोज और ऐल्कोहॉल के विलयन को डालकर विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं।
स्विच ऑन करने पर बल्ब नहीं जलता है,क्योंकि विलयनों में H⁺आयन उत्पन्न नहीं होते हैं । इसलिए ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों जिनमें हाइड्रोजन होते हैं लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है
प्र 7. आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षाजल होता है?
उत्तर: आसवित जल में हाइड्रोजन (H⁺)आयन उत्पन्न नहीं होते हैं इसलिए यह विद्युत का चालन नहीं करता है। जबकि वर्षा के जल में वायुमण्डलीय SO₂ और NO₂ गैस मिलकर इसे अम्लीय बना देते हैं। ये अम्ल (H⁺) आयन उत्पन्न करते हैं, जिससे वर्षाजल में विद्युत धारा का चालन हो जाता है।
प्र 8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर: क्योंकि जल की अनुपस्थिति में अम्लों से H⁺ आयन पृथक नहीं हो पाते हैं, इसलिए अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता है। जल की उपस्थिति में H⁺ आयन अलग हो पाते हैं जिससे अम्ल के जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित होते हैं।
प्र 9. पाँच विलयनों A, B, C, D, व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन सा विलयनः
a उदासीन है?
b प्रबल क्षारीय है?
c प्रबल अम्लीय है?
d दुर्बल अम्लीय है?
e दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजनआयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
a pH 7 उदासीन- विलयन D
b pH 11 प्रबल क्षारीय है - विलयन C
c pH 1 प्रबल अम्लीय - विलयन B
d pH 4 दुर्बल अम्लीय - विलयन A
e pH 9 दुर्बल क्षारीय - विलयन E
हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में pH मान
C(pH:11)<E(pH:9) <D(pH:7) <A(pH:4)<B(pH:1)
प्र 10. परखनली 'A' एवं 'B' में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए । परखनली 'A' में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली 'B' में ऐसिटिक अम्ल (CH₃COOH) डालिए । दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान हैं । किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर: परखनली 'A' में बुदबुदाहट अधिक तेजी से होती है, क्योंकि HCl ऐसिटिक अम्ल (CH₃COOH) की तुलना में एक प्रबल अम्ल है, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) में H⁺ आयन की सांद्रता अधिक होती है।
प्र 11. ताजे दूध के pH का मान 6 होता है । दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर: दूध से दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है, जिससे दूध का pH, 6 से कम हो जाता है।
प्र12. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
a ताजा दूध के मान को से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है ?
b इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?
उत्तर: a : ताज़ा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय इसलिए किया जाता है,क्योंकि क्षारीय दूध अधिक समय तक खराब नहीं होता है।
b : इस दूध को दही बनने में अधिक समय इसलिए लगता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में बना लैक्टिक अम्ल पहले क्षारक को उदासीन करता है फिर अम्लीय होता है,जिसके कारण दही बनता है।
प्र 13. प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र - रोधी (moisture- proof) बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए । इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर: प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी (moisture- proof) बर्तनों में इसलिए रखा जाता है, क्योंकि यह आर्द्रता के संपर्क में आ कर ठोस पदार्थ जिप्सम में परिवर्तित हो जाता है ।
प्र 14.उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralization reaction)क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर: अम्ल और क्षारक की अभिक्रिया से लवण एवं जल बनते हैं, इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
अम्ल + क्षारक → लवण + जल
NaOH(aq)+HCl(aq)→ NaCl (aq)+H₂O(l)
15. धोने का सोडा (Washing soda)एवं बेकिंग सोडा (Baking soda)के दो - दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
धोने के सोडे (Na₂CO₃) का उपयोग-
1. काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है।
2. जल की स्थाई कठोरता दूर करने में।
बेकिंग सोडा NaHCO₃) का उपयोग-
1. बेकिंग पाउडर बनाने में जो बेकिंग सोडा और टार्टरिक अम्ल का मिश्रण है।
2. प्रतिअम्ल (Antacid)औषधि के घटक के रूप में।