Image formation by spherical mirror | class 10 physics | Concave and convex mirror ray diagram

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   10            प्रकाश का परावर्तन तथा अपवर्तन                         Part-5 


Topic: गोलीय दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब बनाना(Image formation by spherical mirror)


किसी गोलीय दर्पण द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब (Image) की स्थिति, प्रकृति तथा आकार (Size) का निर्धारण गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के सामने  बिम्ब (Object) की विभिन्न स्थितियों पर निर्भर  रहता है। ( गोलीय दर्पण  द्वारा प्रतिबम्ब बनने तथा विभिन्न स्थितियों के लिए रेखा चित्र बनाने के लिए गोलीय दर्पण से प्रतिबिंब बनने के 4 नियमों में से किन्ही भी 2 नियमों का प्रयोग कर सकते हैं )

अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब बनना :
स्थिति 1. जब बिम्ब (Object) अनंत पर हो :

    अनंत(infinite पर स्थित बिम्ब (Object) से  मुख्य अक्ष के समानांतर आती हुई किरणें, अवतल दर्पण से परावर्तन के पश्चात मुख्य फोकस पर अभिसरित होती है।अत: प्रतिबिम्ब फोकस(F) पर  अत्यधिक छोटा, लगभग बिन्दु के आकार का (Highly diminished, point sized), वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted)बनता है।

प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image) : प्रतिबिम्ब फोकस (F) पर बनता है।

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image) : अत्यधिक छोटा(Highly diminished), लगभग बिन्दु के आकार का (point sized)

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : वास्तविक(ऐसा प्रतिबिम्ब जो दर्पण के  परावर्तक पृष्ट के सामने बनता है तथा इस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर लिया जा सकता है ) तथा उल्टा (Real and Inverted) 

स्थिति 2 .जब बिम्ब (Object) वक्रता केन्द्र से परे हो (beyond Centre of Curvature) :

    बिम्ब जब अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या (Centre of Curvature)से परे हो, तो प्रतिबिम्ब मुख्य फोकस (F) तथा वक्रता केन्द्र (C) के बीच ,छोटा (Diminished than image),वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted) प्रतिबिम्ब  बनता है।

बिम्ब की स्थिति (Position of Image) : वक्रता केन्द्र से परे हो (beyond Centre of Curvature)

प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image) : मुख्य फोकस (F) तथा वक्रता केन्द्र (C) के बीच

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image) : बिम्ब से छोटा (Diminished than image)

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted)

जब बिम्ब (Object) वक्रता केन्द्र से परे हो (beyond Centre of Curvature) 

स्थिति 3  .जब बिम्ब (Object)  वक्रता केन्द्र (Centre of curvature) पर स्थित हो :

    जब बिम्ब (Object) वक्रता केन्द्र (Center of curvature (C) पर हो तो, प्रतिबिम्ब वक्रता केन्द्र (C) पर ही  वास्तविक(real), उल्टा(inverted) तथा समान आकार (same size) का बनता है।

बिम्ब की स्थिति (Position of Image) : वक्रता केन्द्र (Centre of curvature) पर
प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image): वक्रता केन्द्र (C)

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image): समान आकार (Same size)

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted)

जब बिम्ब (Object)  वक्रता केन्द्र (Centre of curvature) पर स्थित हो

स्थिति 4 .जब बिम्ब (Object) वक्रता केन्द्र (Center of curvature) 

(C) तथा फोकस (Focus 

    जब बिम्ब (Object) वक्रता केन्द्र (Center of curvature ) C  तथा फोकस (Focus)के बीच हो तो प्रतिबिम्ब वक्रता केन्द्र (C) से परे,विवर्धित (Enlarged), वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted) बनता है।
बिम्ब की स्थिति (Position of Object) : वक्रता केन्द्र (Center of curvature) 
(C) तथा फोकस (Focus 

प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image): वक्रता केन्द्र (C) से परे

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image): विवर्धित (Enlarged)

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted)

जब बिम्ब (Object) वक्रता केन्द्र (Center of curvature) (C)तथा  (Focus) के बीच हो तो

स्थिति 5 .जब बिम्ब फोकस (F) पर हो तो :

    जब बिम्ब (Object) फोकस (F) पर हो तो प्रतिबिम्ब अनंत (infinite) पर , अत्यधिक विवर्धित (Highly Enlarged), वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted) बनता है।
बिम्ब की स्थिति (Position of Object) : फोकस (F) पर

प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image): अनंत (infinite पर

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image): अत्यधिक विवर्धित (Highly Enlarged)

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : वास्तविक तथा उल्टा (Real and Inverted)

जब बिम्ब(Object) फोकस (F) पर हो तो

 स्थिति 6 .जब बिम्ब  फोकस (F) तथा ध्रुव (P) के बीच हो  :

    जब बिम्ब अवतल दर्पण के फोकस (F) तथा ध्रुव (P) के बीच स्थित हो तो प्रतिबिम्ब  दर्पण के पीछे  आभासी (Virtual) (ऐसा प्रतिबिम्ब जो दर्पण के परावर्तक तल के पीछे की और बनता है तथा इस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर नहीं लिया जा सकता है), सीधा (Erect)तथा विवर्धित (Enlarged) प्रतिबिम्ब बनता है।
बिम्ब की स्थिति (Position of Object) :फोकस (F) तथा ध्रुव (P) के बीच

प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image): दर्पण के पीछे

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image): विवर्धित (Enlarged)

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : आभासी तथा सीधा (Virtual and Erect)

जब बिम्ब के फोकस (F) तथा ध्रुव (P) के बीच

अवतल दर्पण द्वारा  केवल इसी स्थिति में, जब  बिम्ब फोकस (F) तथा ध्रुव (P) के बीच  स्थिति  हो में ही प्रतिबिम्ब , आभासी(दर्पण के पीछे ) तथा सीधा बनता है। अन्य सभी स्थितियों में प्रतिबिम्ब आभासी, उल्टा तथा वास्तविक (दर्पण के सामने बनता) है।



अवतल दर्पण के उपयोग :

1 . अवतल दर्पण का उपयोग दाँतों के डॉक्टर द्वारा रोगी के दाँतों का बड़ा प्रतिबिम्ब देखने के लिये किया जाता है।

2 . अवतल दर्पण का उपयोग टॉर्च, सर्च लाईट, तथा गाड़ियों के हेड लाईट आदि में किया जाता है। इनमें बल्ब को अवतल दर्पण के फोकस पर रखा जाता है, जिससे प्रकाश की किरणों का समानांतर बीम प्राप्त होता है, जिससे रोशनी दूर तक जाती है।

3 .अवतल दर्पण का उपयोग शेविंग करने के लिये दर्पण के रूप में किया जाता है। अवतल दर्पण के उपयोग से चेहरे का बड़ा प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।

4  .बड़े अवतल दर्पण का उपयोग सौर भट्ठी में किया जाता है। बड़े अवतल दर्पण का द्वारक बड़ा होता है, जिससे  सूर्य की किरणों की बड़ी मात्रा को एक स्थान पर केन्द्रित कर उष्मा कीउत्पन्न की जाती है ।

उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनाना :

 उत्तल दर्पण में फोकस (Focus), तथा वक्रता केन्द्र (Center of Curvature)दर्पण के पीछे स्थित होता है, अत: बिम्ब को केवल दो ही स्थितियों में रखा जा सकता है, अनंत (infiniteदूरी पर तथा  दर्पण के ध्रुव (Pole) तथा अनंत (infinite)  के बीच।

स्थिति 1  . जब बिम्ब के अनंत (infinite) दूरी पर स्थिति हो :

    जब बिम्ब उत्तल दर्पण से अनंत दूरी पर स्थित हो तो ,उससे आने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण के फोकस से अपसरित होती हुई प्रतीत होती है, तथा प्रतिबिम्ब उत्तल दर्पण के फोकस पर ,अत्यधिक छोटा, बिन्दु के आकार का, आभासी तथा सीधा (Virtual and Erect) बनता है। 

बिम्ब की स्थिति (Position of Object) : अनंत (infinite) दूरी पर। 

प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image): फोकस पर, दर्पण के पीछे। 

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image): अत्यधिक छोटा (Highly diminished), बिन्दु के आकार का। 

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : आभासी तथा सीधा (Virtual and Erect)। 

जब बिम्ब के अनंत (infinite) दूरी पर स्थिति हो


स्थिति 2  . जब बिम्ब (Object) उत्तल दर्पण के ध्रुव (Pole)तथा अनंत  (infiniteदूरी के बीच  स्थिति हो :

    जब बिम्ब उत्तल दर्पण के ध्रुव (Pole) तथा अनंत   (infinite)के बीच स्थित हो, तो प्रतिबिम्ब दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में, छोटा, आभासी तथा सीधा (Virtual and Erect) बनता है।

बिम्ब की स्थिति (Position of Object) : ध्रुव (Pole) तथा अनंत   (infinite)के बीच 

प्रतिबिम्ब की स्थिति (Position of Image): फोकस(Focus) तथा ध्रुव (Pole) के बीच, दर्पण के पीछे

प्रतिबिम्ब का आकार (Size of Image): छोटा (Small size)

प्रतिबिम्ब की प्रकृति (Nature of Image) : आभासी तथा सीधा (Virtual and Erect)

जब बिम्ब (Object) उत्तल दर्पण के ध्रुव (Pole)तथा अनंत  (infiniteदूरी के बीच  स्थिति हो 
उत्तल दर्पण द्वारा वस्तु की प्रत्येक स्थिति के लिए प्रतिबिम्ब सदैव आभासी (Virtual), सीधा (Erect)व वस्तु  से छोटा (Small size)बनता है। 

उत्तल दर्पण के उपयोग (Use of Convex Mirror) :

1. उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों में पश्च दृश्य दर्पणों (Rear view mirror) के रूप में किया जाता है। पश्च दृश्य दर्पण द्वारा वाहन चालक पीछे आने वाले वाहनों को देख सकता है। उत्तल दर्पण के बाहर की ओर वक्रित होने के कारण इसका दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है तथा ये सीधा तथा सापेक्ष रूप से छोटा प्रतिबिम्ब बनाते हैं, जिसके कारण वाहन चालक उनके पीछे दूर तक आते वाहनों को आसानी से देख पाते हैं, जिससे वाहन चलान में सुविधा होती है।

2. उत्तल दर्पण का उपयोग तीक्ष्ण मोड़ पर दूसरी तरफ से आने वाले वाहनों को देखने में होता है। जिससे विपरीत दिशा से आने वाले वाहन चालक सतर्क हो जाते हैं तथा वाहन सुरक्षित रूप से चला पाते हैं।

अभ्यास प्रश्न


प्र 01 - अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।

उत्तर -अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आपतित होने वाली प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के पश्चात, मुख्य अक्ष के जिस बिंदु से होकर गुजरती हैं वह बिंदु अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है

प्र 02 -एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेंटीमीटर है इसकी फोकस दूरी क्या होगी ?

उत्तर - दिया है -

        वक्रता त्रिज्या R= 20 cm.

        फोकस दूरी f= ?

        ∵ f = R/2

        ஃ   f= 20/2

            f= 10 cm

प्र 03 -उस दर्पण का नाम बताइए जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके

उत्तर -अवतल दर्पण बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है।

प्र 04 -हम वाहनों में उत्तल दर्पण के को पश्च दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?

उत्तर -उत्तल दर्पण सदैव वस्तु का सीधा प्रतिबिंब बनाता है यह वस्तु का अपेक्षाकृत छोटा प्रतिबिंब बनाता है जिससे इसका दृश्य क्षेत्र बढ़ जाता है, और चालक लगभग संपूर्ण क्षेत्र को देख पाता है ,इसलिए वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च दृश्य दर्पण के रूप में बता देते हैं

To be continued in next part...