2 अम्ल,क्षारक एवं लवण Part-2 |
अम्ल के रासायनिक गुणधर्म (Chemical properties of acid)
अम्ल(Acid)+धातु(Metal)→लवण(Salt)+हाइड्रोजन(Hydrogen gas)
(1) जब सलफ्युरिक अम्ल (Sulphuric acid) के साथ जिंक धातु (zinc metal) की अभिक्रिया होती है तो लवण जिंक सल्फेट ZnSO4( Zinc Sulphate) तथा हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
Zn(s) + H₂SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H₂(g)
(2) जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric acid) के साथ सोडियम धातु (Sodium metal) की अभिक्रिया होती है तो लवण सोडियम क्लोराइड NaCl(Sodium chloride) तथा हाइड्रोजन गैस बनाती है।
Na(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H₂(g)
जब अम्ल (Acid) धातु कार्बोनेट (metal carbonate) साथ अभिक्रिया करता है तो लवण (salt ), कार्बन डाइऑक्साइड गैस (Carbon dioxide gas) तथा पानी (water) बनता है।
उदाहरण:
(1)जब हाइड्रोक्लोरिक अम्लHCl (hydrochloric acid) के साथ सोडियम कार्बोनेट (धावन सोडा) Na₂CO₃ (sodium carbonate or washing soda) की अभिक्रिया होती है तो सोडियम क्लोराइड NaCl (sodium chloride), कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2)(Carbon dioxide)तथा पानी (Water)बनता है।
Na₂CO₃(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + CO₂(g) + H₂O(l)
(2)जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(hydrochloric acid)HCl के साथ कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium carbonate) CaCO3 की अभिक्रिया होती है तो कैल्शियम क्लोराइड CaCl₂ (sodium chloride), कार्बन डाइऑक्साइड गैस (Carbon dioxide)CO2तथा पानी (Water)बनता है।
CaCO₃(s) + 2HCl(aq) → CaCl₂(aq) + CO₂(g) + H₂O(l)
3 . अम्ल (Acid) की धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया :
जब अम्ल (Acid) धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट (metal hydrogen carbonate) के साथ अभिक्रिया करता है तो लवण (salt ), कार्बन डाइऑक्साइड गैस (Carbon dioxide gas) तथा पानी (water) बनता है।
उदाहरण:
(1)जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल HCl (hydrochloric acid) के साथ जब सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट(खाने वाला सोडा) NaHCO3 ,sodium hydrogen carbonate(Baking soda) की अभिक्रिया होती है तो सोडियम क्लोराइड NaCl (sodium chloride), कार्बन डाइऑक्साइड गैस CO2(Carbon dioxide)तथा पानी H2O (Water)बनता है।
NaHCO₃(s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + CO₂(g) + H₂O(l)
कार्बन डाइऑक्साइड गैस का परीक्षण (Test for carbon dioxide gas):
जब कार्बन डाइऑक्साइड CO2 (Carbon dioxide)गैस को चूने के पानी (कैल्शियम हाइड्रोक्साइड)Lime water (Calcium hydroxide) Ca(OH)2 में प्रवाहित किया जाता है तो चूने के पानी का रंग कैल्शियम कार्बोनेट(Calcium carbonate) CaCO3 का अवक्षेप (Precipitate)बनने के कारण दुधिया (Milky) हो जाता है।
Ca(OH)2(aq) + CO₂(g) → CaCO3(s) + + H₂O(l)
यदि कार्बन डाइऑक्साइड CO2 (Carbon dioxide)गैस की अधिक मात्रा चूने के पानी (Lime water) में प्रवाहित की जाती है, तो कैल्शियम कार्बोनेट(Calcium carbonate) CaCO3 का सफ़ेद अवक्षेप कैल्शियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (Calcium hydrogen carbonate) Ca(HCO3)2 बनने के कारण घुल जाता है जिससे चूने का पानी पुनः पारदर्शी हो जाता है।
CaCO3(s) + CO₂(g) + H₂O(l) → Ca(HCO3)2(aq)
जब अम्ल (Acid) तथा क्षारक (Base) की परस्पर अभिक्रिया होती है तो लवण(Salt) तथा जल(Water) बनता है इस अभिक्रिया में अम्ल (Acid) तथा क्षारक (Base) ,परस्पर उदासीन हो जाते हैं इसलिए इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralisation reaction) भी कहते हैं।
अम्ल(Acid) + क्षारक(Base)→ लवण(Salt) +जल(Water)
उदाहरण :
(1) जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric acid) HCl, सोडियम हाइड्रोक्साइड(Sodium hydroxide) NaOH के साथ अभिक्रिया करता है तो सोडियम क्लोराइड(Sodium chloride) NaCl तथा पानी (Water) H₂O बनता है।
HCl(aq) + NaOH(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
1 एसिडिटी (Acidity) का उपचार :
हमारे अमाशय में अम्ल (HCl)उत्पन्न होता है जो कि भोजन पाचन में सहायक है ,अधिक खाने के कारण अमाशय में अधिक भोजन के पाचन के लिये अधिक अम्ल (HCl) बनाता है, जिसके कारण पेट में दर्द , जलन या बैचेनी होती है इस स्थिति को ऐसिडिटी कहते हैं इसके इलाज के लिए डॉक्टर एंटासिड लेने की सलाह देता है। एंटासिड घोल या टैब्लेट के रूप में मिलता है। एंटासिड अर्थात ऐसे पदार्थ जो एसिड के विपरीत कार्य करे। एंटासिड क्षारीय (Base) प्रकृति के होते हैं। जैसे मिल्क ऑफ मैग्निशिया का उपयोग एंटासिड के रूप में होता है। यह पेट में पहुँचकर आवश्यकता से अधिक स्रावित होने वाले अम्ल को उदासीन (Neutralise) कर देता है। अम्ल के उदासीन होने के बाद एसिडिटी से पीडित व्यक्ति को आराम मिलता है।
2 मधुमक्खी के काटने (Bee sting ) पर उपचार :
मधुमक्खी जब काटती है तो शरीर में फॉर्मिक अम्ल (मेथेनोइक अम्ल)छोड़ देती है देती है जिससे अत्यधिक दर्द होता है इसका उपचार क्षारक (Base) जैसे -खाने वाला सोडा या वाशिंग सोडा आदि लगा कर किया जाता है । क्योंकि क्षार या क्षारक (Base) एसिड (Acid) को उदासीन (Neutralise) कर देता है।
धातु के ऑक्साइड को क्षारीय ऑक्साइड भी कहा जाता है क्योंकि धातु के ऑक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया करके क्षारक के समान ही लवण तथा जल बनाते हैं।
अम्ल(Acid) + धातु ऑक्साइड(Metallic Oxide) →लवण (Salt)+ जल (Water)उदाहरणः
(1)जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric acid) HCl, कैल्शियम ऑक्साइड (Calcium oxide )CaO से अभिक्रिया करता है तो लवण कैल्शियम क्लोराइड (Calcium chloride) CaCl2 तथा पानी (Water)बनता है।
2 HCl(aq) + CaO(aq) → CaCl₂(aq) + H₂O(l)
(2) जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric acid)HCl, कॉपर ऑक्साइड (Copper oxide)CuO के साथ अभिक्रिया करता है तो लवण कैल्शियम क्लोराइड (Calcium chloride)CaCl2 तथा पानी (Water) बनता है।
2HCl(aq) + CuO(aq) → CuCl₂(aq) + H₂O(l)
प्रश्न - पीतल तथा तांबे के बर्तन में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखनी चाहिए ?