जब दो या दो से अधिक अभिकारक(reactant) संयोग करके एकल
उत्पाद ( Single product) का निर्माण करते हैं, ऐसी अभिक्रिया
को संयोजन अभिक्रिया(Combination Reaction) कहते हैं।
1- जब मैग्नीशियम रिबन (Mg) को हवा की उपस्थिति में जलाया जाता है, तो एकल उत्पाद (Single product) मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है।
2 Mg(s) + O₂ (g) → 2MgO (s)
हाइड्रोजन (Hydrogen) तथा ऑक्सीजन (oxygen) के बीच अभिक्रिया होती है, तो एकल उत्पाद ( Single product)जल (water) बनाता है।
2H₂(g) + O₂ (g) → 2H₂O(l)
3- जब बिना बुझा हुआ चुना (quick lime) पानी के साथ अभिक्रिया करता है, तो तो एकल उत्पाद (Single product) बुझा हुआ चूना (slacked lime) बनाता है।
CaO(s) + H₂O(l) → Ca(OH)₂ (s)
2 वियोजन अभिक्रिया Decomposition Reaction :
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें कोई एक यौगिक दो या दो से अधिक उत्पादों (products) में वियोजित (split) हो जाता है, वियोजन अभिक्रिया (Decomposition Reaction) कहलाती है। वियोजन अभिक्रिया , संयोजन अभिक्रिया की ठीक विपरीत अभिक्रिया है ,वियोजन अभिक्रिया निम्न प्रकार की हो सकती
है।
विद्युत धारा (electric current)प्रवाहित करने से किसी यौगिक(compound) का दो या दो से अधिक उत्पादों (product) में वियोजित (dissociate)हो जाना विद्युत वियोजन कह लाता है।
उदाहरण
1-अम्लीकृत जल (acidified water) में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर जल , हाइड्रोजन (hydrogen) तथा ऑक्सीजन (oxygen) में वियोजित हो जाता है।
2-पिघले हुए सोडियम क्लोराइड (Sodium chloride)में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह सोडियम (Sodium) तथा (chlorine) में वियोजित हो जाता है।
2ऊष्मीय वियोजन(Thermal decomposition reaction) :
ऊष्मा (heat) देने पर यदि कोई यौगिक दो या दो से अधिक उत्पादों में वियोजित हो जाता है तो, वह अभिक्रिया ऊष्मीयवियोजन कहलाती है।
उदाहरण
1- जब कैल्शियम कार्बोनेट (calcium carbonate) को गर्म किया जाता है, तो यह कैल्शियम ऑक्साइड(calcium oxide)quick lime तथा कार्बन डाइऑक्सइड (carbon dioxide) में वियोजित हो जाता।
2-जब फेरस सल्फेट (ferrous sulphate) को अत्यधिक गर्म किया जाता है, तो यह ,फेरस ऑक्साइड (ferrous oxide), सल्फर डाईऑक्साइड (Sulphur dioxide) तथा सल्फर ट्राईऑक्साइड (Sulphur trioxide) में वियोजित हो जाता।
3प्रकाशीय वियोजन(Light decomposition reaction) :
जब कोई यौगिक प्रकाश की उपस्थिति में दो या दो से अधिक उत्पादों में वियोजित हो जाता है तो, वह अभिक्रिया प्रकाशीय वियोजन कहलाती है।
उदाहरण
1- सफ़ेद रंग के सिल्वर क्लोराइड (silver chloride) को प्रकाश में रखने पर यह भूरे सफेद (Greyish white) रंग के सिल्वर (silver)धातु तथा क्लोरीन गैस में वियोजित हो जाता है ।
2- हल्के पीले रंग के सिल्वर ब्रोमाइड AgBr को प्रकाश में रखने पर यह भूरे सफेद (Greyish white) रंग के सिल्वर (Ag) धातु तथा ब्रोमीन (Br₂)वाष्प में वियोजित हो जाता है ।
सिल्वर क्लोराइड AgCl तथा सिल्वर ब्रोमाइड AgBr को की प्रकाश की उपस्थिति में होने वाले वियोजन अभिक्रिया (decomposition reaction) के कारण इसका उपयोग श्वेत-श्याम फोटोग्राफी (black and white photography) में होता है।
3 ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction) :
वहरासायनिकअभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया के बाद ऊष्मा(heat)निकलती (evolution )है,ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया(Exothermic reaction)कहलाती है।
उदाहरण
1-जब बिना बुझे हुए चूने (quick lime) में पानी मिलाया जाता है, तो बुझा हुआ चूना (slaked lime) बनता है तथा ऊष्मा (heat निकलती है।
CaO(s) + H₂O(l) → Ca(OH)₂(aq) + Heat
2-श्वसन(respiration) भी एक
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया(Exothermic reaction) है क्योंकि इस श्वसन में ली गई ऑक्सीजन भोजन के पाचन से प्राप्त
ग्लूकोस से अभिक्रिया करके ऊर्जा उत्पन्न करती है इसलिए श्वसन एक ऊष्माक्षेपीअभिक्रिया (Exothermic reaction)का उदाहरण है।
C₆H₁₂O₆(aq)+ 6O₂(g) → 6CO₂(g ) + 6H₂O(l) + Energy
ऊष्माशोषी अभिक्रिया Endothermic Reaction:
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया के बाद ऊष्मा (heat) का
शोषण (absorption) होता है, ऊष्माशोषी
अभिक्रिया(Endothermic reaction) कहलाती है।
उदाहरण
जब नाइट्रोजन (Nitrogen) को ऑक्सीजन(Oxygen) की उपस्थिति में उच्च ताप पर गर्म किया जाता है तो नाइट्रिक ऑक्साइड(Nitric oxide) बनता है तथा ऊष्मा(heat) वातावरण से अवशोषित(absorb) की जाती है।
N₂(g)+ O₂(g) → 2NO(g ) - Heat
4 विस्थापनअभिक्रिया Displacement Reaction :
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अधिक सक्रिय तत्व(more reactive element) , कमसक्रियतत्व(less reactive element)को उसके जलीयविलयन (aqueous solution)सेविस्थापितकरदेताहै, विस्थापन अभिक्रिया (displacement reaction)कह लाती है।
उदाहरण-
1- जब कॉपर सल्फेट (copper sulphate) के विलयन में लोहे की धातु (iron metal)को रखा जाता है तो आयरन सल्फेट (ironsulphate) का विलयन तथा कॉपर (copper)धातु प्राप्त होती है ।इस अभिक्रिया में अधिक सक्रीय आयरन कम सक्रीय कॉपर को उसके विलयन से विस्थापित(Displace) कर देता है।
CuSO₄(aq) + Fe(s) → FeSO₄(aq) + Cu(s)
2- जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (hydrochloric acid) के विलयन में मैग्नेशियम धातु (magnesium metal) को रखा जाता है तो मैग्नेशियम क्लोराइड (magnesium chloride) का विलयन तथा हाइड्रोजन गैस (hydrogen gas) प्राप्त होती है ।इस अभिक्रिया में अधिक सक्रिय मैग्नेशियम धातु (magnesium metal) कम सक्रीय हाइड्रोजन (hydrogen) को उसके विलयन से विस्थापित (Displace) कर देता है।
वहरासायनिकअभिक्रियाजिसमेंअभिकारकोंमेंआयनों (ion)कापरस्परस्थानांतरण(exchange)होताहै, द्विविस्थापन अभिक्रिया(Double Displacement Reaction) कह लाती है।
उदाहरण
1- जब बेरियम क्लोराइड (barium chloride) के विलयन को कॉपर सल्फेट (copper sulphate) के विलयन में डाला जाता है तो बेरियम सल्फेट (barium sulphate) का सफ़ेद अवक्षेप तथा कॉपर क्लोराइड(copper chloride) का विलयन प्राप्त होता है। इस अभिक्रिया में बेरियम क्लोराइड (barium chloride) तथा कॉपर सल्फेट (copper sulphate) के बीच आयनों का आदान प्रदान होता है।
BaCl₂(aq) + CuSO₄(aq) → BaSO₄ (s) + CuCl₂(aq)
2- सोडियम हाइड्रोक्साइड(sodium hydroxide) तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (hydrochloric acid) के बीच होने वाली अभिक्रिया भी द्विविस्थापन अभिक्रिया का उदाहरण है इस अभिक्रिया में सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोक्क्लोरिक अम्ल के बीच आयनों का आदान प्रदान होता है।
NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
6.1उपचयनअभिक्रिया(Oxidation reaction) :
वहरासायनिकअभिक्रिया जिसमें
किसी पदार्थ का ऑक्सीजन के साथ संयोग (addition)होता है,अथवा किसी पदार्थ से हाइड्रोजन पृथक (removal) होती है उपचयनअभिक्रिया (Oxidation reaction ) कहलाती हैं।
उदाहरण
1- कार्बन तथा ऑक्सीजन के बीच होने वाली अभिक्रिया के बाद कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है , इस अभिक्रिया में कार्बन के साथ ऑक्सीजन का संयोग होता है अतः कार्बन का उपचयन(Oxidation) होता है।
C (s) + O₂(g) → CO₂(g)
2 अभिक्रिया के बाद हाइड्रोजन सल्फाइड हाइड्रोजन पृथक हो जाता है। अतः यहाँ हाइड्रोजन सल्फाइड का उपचयन(Oxidation) हो रहा है।
H₂S(g) → H₂(g) + S(g)
6.2अपचयनअभिक्रिया(Reduction reaction) :
वहरासायनिकअभिक्रिया जिसमें किसी पदार्थ से ऑक्सीजन पृथक (remove)होती है , अथवा किसी पदार्थ में हाइड्रोजन का संयोग(addition) होताहै ,अपचयनअभिक्रिया (reduction reaction)कहलातीहै।
उदाहरण
1मैग्नीशियम ऑक्साइड से ऑक्सीजन पृथक होने पर मैग्नीशियम तथा ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
2 MgO(s) → 2Mg(s) +O₂(g)
2 क्लोरीन ,हाइड्रोजन से संयोग करके हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनाता है।
H₂(g) +Cl₂(g)→ 2HCl(g)
6.3 रेडॉक्सअभिक्रिया (Redox reaction) :
वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अपचयन (Reduction) एवंउपचयन (Oxidation) अभिक्रिया एक साथ होती हैं, रेडॉक्स अभिक्रिया (Redox reaction)कहलाती है। रेडॉक्स शब्द Red + Ox से बना है जहाँ Red , Reduction से तथा ox शब्द Oxidation से लिया है। इस अभिक्रिया में एक पदार्थ का उपचयन तो दूसरे पदार्थ का अपचयन होता है।
उदाहरण
1- कॉपर ऑक्साइड (copper oxide)जब हाइड्रोजन (hydrogen) से अभिक्रिया करता है तो कॉपर(copper) तथा जल(water) प्राप्त होता है । इस अभिक्रिया में कॉपर ऑक्साइड से ऑक्सीजन पृथक(remove) हो जाती है जिससे कॉपर प्राप्त होता है, इसलिए यहाँ कॉपर ऑक्साइड अपचयित(reduce) हो रहा है, जबकि हाइड्रोजन के साथ ऑक्सीजन के संयोग(addition) करके जल बनता है, इसलिए हाइड्रोजन उपचयित (oxidise)होता है।
से अभिक्रिया करता है तो सल्फर (sulphur) तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (hydrochloric acid) प्राप्त होता है, इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन सल्फाइडसे हाइड्रोजन पृथक (remove) होता है जिससे सल्फर प्राप्त होता है, इसलिए यहाँ हाइड्रोजन सल्फाइड उपचयित (oxidise) हो रहा है ,जबकि क्लोरीन के साथ हाइड्रोजन के संयोग (addition) से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनाता है जिससे क्लोरीन अपचयित(reduced) होता है।
दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रिया के प्रभाव :
संक्षारण (corrosion) :
धातुओं का अपने आस पास की वायु, आर्द्रता, तथा अम्ल आदि के सम्पर्क में आकर नष्ट होना संक्षारण कह लाता है।
संक्षारण (corrosion) के लिए आवश्यक दशाएं :
1 धातु की खुली सतह
2 वायु (ऑक्सीजन ) की उपस्थिति
3 नमी (जल ) की उपस्थिति
उदाहरण
जंग rust:
जब लोहे से बानी वस्तुओं को खुले रूप से वातावरण में रखा जाता है तो उनकी सतह पर लाल भूरे रंग की परत चढ जाती है, इस परत को जंग कहते हैं।
जंग लगने की प्रक्रिया में लोहे की धातु वायु में उपस्थित ऑक्सीजन तथा आर्द्रता से संयोग कर जलीय आयरन (III) ऑक्साइड बनता है जिसे जंग कहते हैं। जंग लगने की प्रक्रिया में लोहे की धातु उपचयित हो जाती है ।
4 Fe(s) + 3O₂+ 2𝑥H₂O → 2Fe₂O₃.𝑥H₂O
जंग (rusting)रोकने के उपाय :
1 धातु की सतह पर पेंट (painting)करके जंग लगने से रोका जा सकता है।
2 धातु की सतह पर तेल(oil) तथा ग्रीस (grease)की परत चढ़ा कर जंग लगने से रोका जा सकता है।
3 लोहे की बानी वस्तुओं की सतह पर जस्ते (zinc)की परत चढ़ा कर जंग लगने से रोका जा सकता है। इस प्रक्रिया को जस्तीकरण (galvanisation) कहते हैं।
4 लोहे की बनी वस्तुओं की सतह पर टिन (Tin) अथवा क्रोमियम (Chromium) की परत चढ़ा कर जंग लगने से रोका जा सकता है।
विकृत गंधिता (rancidity) :
वसा (fats) तथा तेल (oils) युक्त भोज्य पदार्थ को जब लम्बे समय तक रखा जाता है तो उनसे अरुचिकर स्वाद तथा गंध (unpleasant smell and taste) आने लगती है।इस प्रक्रिया को विकृत गंधिता (rancidity)कहते हैं।
विकृत गंधिता का कारण तेल तथा वासा युक्त भोज्य पदार्थ का ऑक्सीजन द्वारा उपचयित (oxidation)होना है। उपचयन के बाद बनने वाले पदार्थों की गंध तथा स्वाद अरुचिकर होती है।
विकृत गंधिता (rancidity)रोकने के उपाय :
1 खाद्य पदार्थों को वायुरोधी(air-tight) बर्तनो में रखना
2 खाद्य पदार्थों की थैली में नाइट्रोजन गैस(nitrogen gas) भरना। जैसे चिप्स की थैलियों में नाइट्रोजन गैस भर कर चिप्स को उपचयित होने से बचाया जाता है।
3 खाद्य पदार्थों को निम्न ताप पर रखना।
अभ्यास प्रश्न
1 किसी पदार्थ X के विलियन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है।
उत्तर-कैल्शियम ऑक्साइड (शुष्क बिना बुझा चूना) के विलियन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है ।
(i)पदार्थ X का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए ।
उत्तर-X का नामकैल्शियमऑक्साइड (शुष्क बिना बुझा चूना), तथा इसक सूत्र CaO है।
(ii)ऊपर (i) में लिखे X पदार्थ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
CaO(s)+ H₂O(l) → Ca(OH)₂(s)
2- क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए।
उत्तर-विधुत धारा प्रवाहित करने पर जब जल अपघटित होता है तो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैस बनती है। द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार जब जल के दो अणु अपघटित होते हैं तब हाइड्रोजन गैस के दो अणु तथा ऑक्सीजन गैस का एक अणु बनता है । जिससे हाइड्रोजन की मात्रा ऑक्सीजन की मात्रा से दोगुनी होती है, इसलिए एक परखनली में ,एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दो गुनी है।
3 जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर-कॉपर सल्फेट विलियन में लोहे की कील डुबोये जाने पर अधिक सक्रीय आयरन कम सक्रीय कॉपर को उसके विलयन से विस्थापित कर देता है जिससे आयरन सल्फेट का विलयन बनता है । जो कि हल्के हरे रंग का होता है इससे कॉपर सलफेट का नीला विलयन हल्के हरे रंग के विलयन में परिवर्तित हो जाता है।
4 क्रियाकलाप 1.10 से भिन्न द्वि-विस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
5निम्न अभिक्रिया में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए।