Class 10 Spherical mirror, गोलीय दर्पण, Chapter10, Part 2

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   10            प्रकाश का परावर्तन तथा अपवर्तन                         Part-2 



गोलीय दर्पण (Spherical Mirrors) : 

    गोलीय दर्पण ऐसे दर्पण हैं जिनका परावर्तक तल (reflecting  surface) एक खोखले गोले का भाग होता है।  परावर्तक तल के आधार पर गोलीय  दर्पण  दो प्रकार के हो सकते हैं।  

1 अवतल दर्पण (Concave Mirror) :

    ऐसे गोलीय दर्पण, जिनका परावर्तक तल  अंदर की ओर को वक्रित रहता है, अवतल दर्पण कह लाते हैं।अंदर की ओर को वक्रित परावर्तक तल (curved reflecting  surface) के कारण अवतल दर्पण परावर्तन के बाद प्रकाश की किरणों को एक बिंदु पर मिला सकता है, इसे अभिसरण(convergence) कहते हैं ,इसलिये अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण (Converging mirror) भी कहा जाता है। 



Concave mirror

2 उत्तल दर्पण (Convex Mirror) :

    ऐसे गोलीय दर्पण, जिनका परावर्तक तल बाहर की ओर वक्रित रहता है,   उत्तल   दर्पण  (Convex mirror) कह  लाते हैं ।   बाहर की ओर  वक्रित परावर्तक  तल  (curved  reflecting  surface)   के  कारण उत्तल दर्पण  परावर्तन के  बाद  प्रकाश की  किरणों  को  फैला देता है,  इसे अपसरण कहते हैं , इसलिये  उत्तल  दर्पण  को  अपसारी दर्पण (Diverging mirror) भी कहा जाता है।

Convex mirror






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