2 अम्ल,क्षारक एवं लवण Part-1 |
अम्ल(Acids):
अम्ल शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के acere से हुई है जिसका अर्थ खट्टा (sour) होता है। अतः अम्ल (Acids) ऐसे रासायनिक पदार्थ हैं जिनका स्वाद खट्टा (sour) होता है। अम्ल की उपस्थिति के कारण ही भोजन या फलों का स्वाद खट्टा होता है।
कार्बनिक अम्ल (organic acids):
प्राकृतिक रूप से जंतुओं तथा पादपों में पाए जाने वाले अम्ल कार्बनिक अम्ल कह लाते हैं।
जंतु/पादप स्रोत |
अम्ल |
चीटियों में |
फार्मिक अम्ल |
खट्टे फलों में |
साइट्रिक अम्ल |
फलों के रसों में |
एसीटिक अम्ल |
इमली में |
टारटेरिक अम्ल |
टमाटर में |
ऑक्सेलिक अम्ल |
दही में |
लैक्टिक अम्ल |
खनिज अम्ल (Mineral Acids):
पृथ्वी में पाए जाने वाले खनिजों से बनाये जाने वाले अम्ल खनिज अम्ल कह लाते हैं।
उदाहण :
सल्फ्यूरिक अम्ल [Sulphuric acid (H₂SO₄)],
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल [Hydrochloric acid(HCl)] ,
नाइट्रिक अम्ल [Nitric acid(HNO₃)]आदि
क्षारक :
ऐसे रासायनिक पदार्थ हैं जिनका स्वाद कड़वा (Bitter) होता है, तथा छूने पर चिकने होते हैं ।
गुड़हल (China rose), मिथाईल ऑरेंज (Methyl orange),फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) आदि । तथा कुछ सूचक ऐसे भी होते हैं जिनकी गंध अम्लीय तथा क्षारकीय विलयन की उपस्थिति में परिवर्तित हो जाती है इन्हे गांधीय सूचक (olfactory indicators)कहते हैं ।
लिटमस (Litmus):
लिटमस (Litmus) एक प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) है। जो बैंगनी रंग का होता है , इसे थैलोफाइटा समूह के पौधे लाइकेन(Lichen) से प्राप्त किया जाता है। लाईकेन (Lichen) का बैंगनी रंग अम्ल मिलाने पर लाल तथा क्षारक मिलाने पर पीला हो जाता है।
सुविधा के लिए लिटमस से लाल तथा नीला लिटमस पेपर तैयार किया जाता है। जिनका उपयोग प्रयोगशालाओं में अम्ल तथा क्षारक की पहचान के लिये किया जाता है।
हल्दी (Turmeric):
हल्दी (Turmeric) एक प्राकृतिक सूचक है। इसका प्रयोग अम्ल तथा क्षारक के परीक्षण के लिए किया जा सकता है।
हल्दी के इस गुण के कारण ही जिस कपडे पर हल्दी का दाग लगा होता है को यदि साबुन से धोया जाता है तो ह्ल्दी का दाग भूरे लाल (Reddish brown) रंग में बदल जाता है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि साबुन में क्षारक होता है, जो हल्दी के रंग को भूरे लाल रंग में बदल देता है। यह भूरा लाल रंग कपडे के सूखने के बाद पुन: पीले रंग में बदल जाता है।
गुड़हल (China rose):
गुड़हल (China rose) के फूल के विलयन को अम्ल एवं क्षारक के परीक्षण के लिए एक प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) के रूप में उपयोग किया जाता है। गुड़हल (China rose) के फूल का विलयन हल्के गुलाबी रंग का होता है ।
मिथाईल ऑरेंज (Methyl Orange):
मिथाईल ऑरेंज एक नारंगी रंग का विलयन है ,यह एक मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicator)। इसका प्रयोग अम्ल व क्षारक के परीक्षण के लिए किया जाता है ।
फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein):
फ़ेनॉल्फ़थैलीन एक रंगहीन घोल है।यह एक मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicator)। इसका प्रयोग अम्ल व क्षारक के परीक्षण के लिए किया जाता है ।
फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) परीक्षण
|
गंधीय सूचक (Olfactory Indicators):
कुछ ऐसे पदार्थ भी होते हैं जिनकी गंध अम्ल (Acid) तथा क्षारक (Base) मिलाने पर बदल जाती है। ऐसे पदार्थ गंधीय सूचक (Olfactory Indicators) कहलाते हैं। उदाहरण: प्याज (onion), वैनिला (vanilla), लौंग (clove),
प्याज (Onion):
वैनिला (Vanilla):
लौंग (Clove):
अभ्यास प्रश्न
प्रश्न- आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे ?
उत्तर- परखनलियों में रखे गए पदार्थों की पहचान के लिए लाल लिटमस पात्र को क्रमशः तीनों परखनलियों में डालेंगे , जिस विलयन में लिटमस पत्र का रंग नीला हो जाएगा वह विलयन क्षारक (Base) होगा, अब इस लिटमस पत्र जिसका रंग क्षारक विलयन द्वारा परिवर्तित हो कर नीला हो गया है को अन्य बचे हुए दो विलयनों में डालेंगे , जो विलयन इस लिटमस पत्र को पुनः लाल कर देगा वह अम्लीय (acid)विलयन होगा तथा शेष बचा हुआ विलयन आसुत जल (distilled water)होगा,क्यूंकि आसुत जल उदासीन विलयन है जिसका प्रभाव लाल तथा नीले लिटमस दोनों पर नहीं होता है।
To be continued in next part...
For better understanding watch the video👇