Class 10 स्वपोषी पोषण(Autotrophic nutrition), जैव प्रक्रम Life Process Ch. no- 1 Unit-3

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  Chapter No. 6 

जैव प्रक्रम  Life Process       

Unit-3    


स्वपोषी पोषण(Autotrophic nutrition)  

        स्वपोषी(Autotrophs) जीव ,पोषण के लिये आवश्यक उर्जा तथा कार्बन की आवश्यकता प्रकाश संश्लेषण(Photosynthesis) द्वारा पूरी करते हैं। प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा   स्वपोषी बाहर से  लिए गए पदार्थों कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल को सूर्य के  प्रकाश तथा क्लोरोफिल की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट के रूप में परिवर्तित कर संचित कर लेते हैं। यह कार्बोहाइड्रेट पौंधों को  उर्जा प्रदान करने में प्रयुक्त होता है  

        प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) शब्द   दो शब्दों फोटो (Photo) तथा सिंथेसिस (Synthesis)को मिलाकर बना है। इसमें फोटो का अर्थ प्रकाश तथा सिंथेसिस का अर्थ बनाना होता है।

प्रकाश संश्लेषण के लिये आवश्यक घटक 

(i) सूर्य का प्रकाश (Sunlight)

(ii) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)

(iii) जल (Water) 

(iv) क्लोरोफिल (Chlorophyll)

प्रकाश संश्लेषण की  प्रक्रिया के चरण

(i) क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश उर्जा को अवशोषित करना।

(ii) प्रकाश उर्जा को रासायनिक उर्जा में रूपांतरित करना।

(iii) जल के अणुओं का हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन में अपघटन।

(iv) कार्बन डाइऑक्साइड का कार्बोहाइड्रेट में अपचयन (Reduction)।

प्रकाश संश्लेषण की  प्रक्रिया

        पत्तियों की कोशिकाओं में हरे रंग के बिन्दु कोशिकांग (Cell organelles) होते हैं, जिन्हें क्लोरोप्लास्ट (हरित लवक) कहा जाता है, जिनमें क्लोरोफिल होता है। हरी पत्तियों में उपस्थित ये क्लोरोफिल, सूर्य के प्रकाश से उर्जा अवशोषित कर इसे रासायनिक परिवर्तन द्वारा रासायनिक उर्जा में बदल देती हैं।


        पेड़ तथा पौधे जड़ के द्वारा जमीन से जल ग्रहण करते हैं। क्लोरोफिल द्वारा सूर्य के  प्रकाश से प्राप्त उर्जा  जल को हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के अणुओं में विखंडित (Split) कर देती है।

        पत्तियों की सतह पर सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जिन्हें रंध्र छिद्र (Stomatal pore) कहा जाता है। इन रंध्र छिद्रों (Stomatal pores) के द्वारा  गैसों  का अधिकांश आदान प्रदान  होता है। पेड़ पौधों में गैसों का आदान प्रदान इन रंध्र छिद्रों के अतिरिक्त  तने, जड़ तथा पत्तियों की सतह से भी होता है।

         रंध्र छिद्रों (Stomatal pores) से पर्याप्त मात्रा में जल की हानि भी होती है, अत: जब प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यक्ता नहीं होती है तब ये रंध्र छिद्र बंद हो जाते हैं। छिद्रों का खुलना और बंद होना द्वार कोशिकाओं (Guard cells) का कार्य है। जब जल अंदर जाता है तो द्वार कोशिकायें (Guard cells),  फूल जाती हैं और रंध्र का छिद्र खुल जाता है, तथा जब द्वार कोशकाएँ (Guard cells) सिकुड़ती हैं तो छिद्र बंद हो जाता है। छिद्र के बंद हो जाने की स्थिति में पेड़ पौधों से जल की हानि नहीं होती है।

पत्तियों द्वारा प्राप्त कार्बन डाइऑक्साइड जल से प्राप्त ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन अणुओं से अभिक्रिया  कर  क्लोरोफिल तथा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति  में  ग्लूकोज में अपचयित  हो जाता है।

    इस कार्बोहाइड्रेट का तुरंत प्रयोग  पौधों द्वारा नहीं किया जाता है , इसे मंड  (starch)के रूप में संचित(Store) कर लिया जाता है, यह पौधे के लिए आंतरिक ऊर्जा की तरह कार्य करता है पौधों द्वारा इसे आवश्यकता अनुसार प्रयुक्त कर लिया जाता है। 
To be continued  in next unit...