Chapter No. 6
जैव प्रक्रम
Life Process
Unit-2
पोषण (Nutrition):
सभी जीवों को अपने कार्यों को करने के लिए निरंतर उर्जा की आवश्यकता होती है,
यहाँ तक
की जब एक जीव कोई कार्य नहीं कर रहा होता हो,
तब भी
शारीरिक क्रियाओं के क्रम के अनुरक्षण
के लिये
उसे उर्जा की आवश्यकता होती है। यह आवश्यक उर्जा एक जीव भोजन द्वारा प्राप्त करता
है । अतः जीवों के भोजन ग्रहण करने तथा उसका उपयोग
कर उर्जा प्राप्त करने की प्रक्रिया या प्रक्रम को पोषण (Nutrition) हैं ।
सजीव अपना भोजन कैसे प्राप्त करते हैं?
सभी जीवों में ऊर्जा की सामान्य आवश्यकता सामान है। जिसे वे भोजन से
प्राप्त करते हैं। परंतु सजीवों में उर्जा प्राप्त करने के तरीके भिन्न भिन्न हैं। जीवों के द्वारा पोषण के लिए आवश्यक उर्जा प्राप्ति के तरीकों में भिन्नता
के आधार पर पोषण को दो भागों में बांटा जा सकता है:
- स्वपोषी पोषण (Autotrophic nutrition)
- विषमपोषी पोषण। (Heterotrophic nutrition)
स्वपोषी (Autotrophs):
स्वयं के द्वारा बनाये गये
भोजन से पोषण प्राप्त करना स्वपोषी पोषण कहलाता है।अंग्रेजी में ऐसे जीवों को
ऑटोट्रोप्स (Autotrophs) एक ग्रीक शब्द है, जो दो
शब्दों ऑटो (Autos) तथा ट्रॉप्स (Trophs) से मिल कर बना है। ऑटो (Autos) का
अर्थ स्व (self) होता है तथा ट्रॉप्स (Trophs) का अर्थ होता है पोषण(nutrition)। अतः वे जीव जो स्वयं के द्वारा बनाये गए भोजन से पोषण प्राप्त करते हैं स्वपोषी (Autotrophs) कह लाते हैं ।
पेड़ पौधे तथा कुछ जीवाणु अकार्बनिक स्रोतों से कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल के
रूप में सरल पदार्थ प्राप्त करते हैं, जिनका संश्लेषण करके ये
कार्बनिक भोज्य पदार्थ बनाते हैं । ऐसे जीव को स्वपोषी कहा जाता है। हरे पेड़ पौधे तथा कुछ अन्य
जीव, स्वंय भोजन बनाकर स्वपोषण प्राप्त
करते हैं, अत: ,ऐसे जीव जो सरल अकार्बनिक
पदार्थों से कार्बनिक भोज्य पदार्थ का संश्लेषण स्वयं कर सकते हैं स्वपोषी(Autotrophs) कह लाते हैं।
विषमपोषी
Heterotrophs:
ऐसे जीव
जो अन्य जीव द्वारा बनाये गये भोजन से पोषण
(nutrition) प्राप्त करते हैं, विषमपोषी (Heterotrophs) कहलाते हैं। हेट्रोट्रॉप्स (Heterotrophs) एक ग्रीक शब्द है, जो दो शब्दों हेट्रो (Hetero) तथा ट्रॉप्स (Trophs) से मिल कर बना है। हेट्रो (Hetero) का अर्थ होता है दूसरा या अन्य तथा ट्रॉप्स (Trophs) का अर्थ होता है पोषण। अर्थात
दूसरे या अन्य से पोषण। अत: वे जीव जो पोषण के लिये दूसरे जीव पर
निर्भर होते हैं, विषमपोषी(Heterotrophs) कहलाते हैं।
विषमपोषी जीव पोषण के आधार पर शाकाहारी,
मांसाहारी,परजीवी,मृतजीवी आदि प्रकार के होते हैं। विषमपोषी जीव प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से स्वपोषी पर आश्रित होते हैं। अत: ,ऐसे जीव जो सरल अकार्बनिक पदार्थों से
कार्बनिक भोज्य पदार्थ का संश्लेषण स्वयं नहीं कर सकते हैं विषमपोषी (Heterotrophs) कह लाते हैं।